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आज होगा अमरवाड़ा में जैन मार्ट भव्य शुभारंभ
Ankur jain repotar jain
आज होगा अमरवाड़ा में जैन मार्ट भव्य शुभारंभ
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- आज होगा अमरवाड़ा में जैन मार्ट भव्य शुभारंभ1
- Post by Surendar Sanodiya1
- *पटवारी कार्यालय बना सीमेंट गोदाम* लोकेशन -- बांकी/सिवनी संवाददाता - मोहित यादव जिला ब्यूरो चीफ़ सिवनी *9584667143* *ग्राम पंचायत बांकी में सरकारी कार्यालय में निर्माण सामग्री का भंडारण — ग्रामीणों में नाराज़गी बढ़ी* *सिवनी*।सिवनी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बांकी में इन दिनों एक अनोखी और चिंताजनक स्थिति सामने आई है। यहां का पटवारी कार्यालय हल्का क्रमांक 24, जो कि ग्रामीणों के राजस्व संबंधी कार्यों का प्रमुख केंद्र है, पिछले कई दिनों से सीमेंट गोदाम बनकर रह गया है।जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत भवन निर्माण कार्य के लिए लाई गई सीमेंट और अन्य निर्माण सामग्री को सीधे पटवारी कार्यालय में जमा कर दिया गया है। इससे न केवल कार्यालय की सामान्य कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है, बल्कि ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच असंतोष का माहौल भी बन गया है।कई ग्रामीणों ने बताया कि राजस्व विभाग के दैनिक कामकाज में गंभीर बाधा उत्पन्न हो रही है। रिकॉर्ड रखने, भूमि संबंधित दस्तावेज तैयार कराने और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए आने वाले लोगों को असुविधा झेलनी पड़ रही है। कार्यालय में रखे सीमेंट के बोरे जगह घेरने के साथ-साथ कर्मचारियों के बैठने और काम करने की क्षमता पर भी असर डाल रहे हैं।स्थानीय लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि जब पंचायत भवन निर्माण के लिए सामग्री लाई गई, तो उसे सुरक्षित और निर्धारित स्थान पर रखने के बजाय सरकारी कार्यालय का उपयोग क्यों किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचने का खतरा भी है तथा विभागीय कार्यकुशलता पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है ।ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि निर्माण सामग्री को तत्काल हटाकर पटवारी कार्यालय को सामान्य स्थिति में बहाल किया जाए, ताकि राजस्व सेवाओं में प्रभावित हो रही बाधाओं को दूर किया जा सके। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि संबंधित विभाग शीघ्र कार्रवाई कर स्थिति को सुचारू करेगा।1
- रेलवे चिकित्साक ने किया आर. पी एफ कर्मचारियों का हेल्थ चेकअप1
- नशा मुक्त भारत—संस्कारों की उस पाठशाला की ओर एक कदम समाज का भविष्य स्कूलों की चारदीवारी में पनपता है। बच्चे केवल पाठ्यपुस्तक से नहीं, बल्कि आसपास दिखने वाले आचरण, प्रेरणा और वातावरण से सीखते हैं। ऐसे समय में जब नशा नई पीढ़ी के लिए एक मूक खतरे की तरह फैल रहा है, गाडरवारा तहसील के विद्यालयों में आयोजित नशा मुक्त भारत अभियान एक महत्वपूर्ण पहल बनकर उभरा है। ओम शांति प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सहयोगी संस्थान राजयोग एंड रिसर्च फाउंडेशन का मेडिकल विंग जब कुंभकरण की झांकी, प्रेरक वीडियो और आध्यात्मिक संदेशों के साथ न्यू एरा, न्यू एज, आदित्य पब्लिक स्कूल और पी.जी. कॉलेज पहुंचा, तो यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था—यह बच्चों के हृदय में बोया गया जागरूकता का बीज था। कुंभकरण की झांकी ने एक महत्वपूर्ण संकेत दिया—नशा मनुष्य को भीतर से सोता हुआ बना देता है। इच्छाशक्ति समाप्त होती है, लक्ष्य धुंधले हो जाते हैं, और जीवन दिशाहीन। आदरणीय प्रीति दीदी द्वारा कराई गई प्रतिज्ञाएँ उस नींद से जागने का आह्वान थीं—कि स्वयं भी नशे से दूर रहें और परिवार व समाज को भी नशामुक्त बनाने का संकल्प लें।पी.एस. कौरव, प्राचार्य—पी.जी. कॉलेज—ने अपने उद्बोधन में इसी चिंता को स्वर दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि युवा पीढ़ी को अगर सुरक्षित भविष्य देना है तो उन्हें अभी से सही दिशा में प्रेरित करना होगा। शिक्षा तभी सार्थक है जब वह जीवन को बचाने और संवारने का कार्य करे। आज आवश्यकता केवल अभियानों की नहीं, बल्कि निरंतर प्रेरणा की है—स्कूलों में, घरों में, समाज में। नशे के खिलाफ लड़ाई केवल कानून या अस्पतालों की नहीं है; यह हर परिवार, हर शिक्षक, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यदि यह जागरूकता बच्चों के मन में थोड़ी भी हलचल पैदा करती है, तो यह अभियान सफल माना जाएगा। क्योंकि परिवर्तन हमेशा छोटे कदमों से शुरू होता है—और गाडरवारा से उठाया गया यह कदम आने वाले समय में कई जीवन बचा सकता है।4
- नरसिंहपुर जिला कलेक्टर रजनी सिंह के निर्देश में, धान तुलाई केंद्रों पर कार्य जारी हुआ,, गाडरवारा तहसील के अंतर्गत,1
- राहुल ने पिछले साल था चेताया इंडिगो ना वही कोहराम मचाया1
- *15 साल बाद नहर की सफाई, लेकिन 15 लाख की लीपापोती का आरोप* लोकेशन -- सालीवाड़ा/भोमा संवाददाता - मोहित यादव जिला ब्यूरो चीफ़ सिवनी *9584667143* *किसानों ने किया खुलासा—ग्राउंड जीरो पर साफ दिखी अनियमितताएँ, विभाग पर उठे सवाल* *भोमा/सिवनी*। जिले के ग्राम सालीवाड़ा में नहर की सफाई को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। ग्रामीणों के अनुसार करीब 15 वर्षों बाद नहर की सफाई के नाम पर लगभग 15 लाख रुपये का कार्य दिखाया गया, लेकिन मौके की स्थिति इस दावे से बिल्कुल उलट दिखाई देती है।जब हमारे संवाददाता ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर हालात का जायज़ा लिया, तो किसानों ने अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रखा। स्थानीय किसानों का कहना है कि नहरों में सिर्फ ऊपर-ऊपर से सफाई का काम दिखाया गया है, वहीं कई हिस्सों में तो मिट्टी और झाड़ियां जस की तस पड़ी हुई हैं। किसानों के मुताबिक, विभाग द्वारा दावा किए गए खर्च और कार्य की वास्तविक स्थिति के बीच बड़ा अंतर दिखाई देता है।ग्रामीणों ने बताया कि पानी की सप्लाई वर्षों से बाधित है, और नहरों में जमा सिल्ट हटाने के बजाय सिर्फ सीमित हिस्सों में औपचारिकता निभाई गई। कई जगहों पर नहर की दीवारें टूटी हुई हैं, जिससे पानी का रिसाव लगातार होता है। किसानों का कहना है कि यदि नहर की सही तरीके से सफाई व मरम्मत होती, तो खेतों तक पानी पहुंचने में काफी सुधार हो सकता था।इस मामले में ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा है कि खर्च का वास्तविक विवरण सार्वजनिक किया जाए तथा स्थल निरीक्षण कर वास्तविक स्थिति का आकलन किया जाए।ग्रामीण अब उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नहर की वास्तविक सफाई और मरम्मत कराए, ताकि आगामी रबी सीजन में सिंचाई सुचारू रूप से हो सके।1