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on 2 October
user_लशमण, परमार
लशमण, परमार
Dungarpur, Rajasthan•
on 2 October

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More news from राजस्थान and nearby areas
  • भाजपा के नेता कुलदीप सिंह पालड़ी M. आए वाटेरा भिमाणा भारजा रोहीडा के तरूंगी के ग्रामीणों के समर्थन में कई दिनों से चल रही मेशर्स कमलेश मेटा कास्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की खनन परियोजना को निरस्त करवाने के लिए मांग के लिए sirohi today news
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    भाजपा के नेता  कुलदीप सिंह पालड़ी M.  आए वाटेरा भिमाणा भारजा रोहीडा के तरूंगी के ग्रामीणों के समर्थन में 
कई दिनों से चल रही मेशर्स कमलेश मेटा कास्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की खनन परियोजना को निरस्त करवाने के लिए मांग के लिए 
sirohi today news
    user_SIROHI TODAY NEWS
    SIROHI TODAY NEWS
    Journalist पिंडवाड़ा, सिरोही, राजस्थान•
    19 hrs ago
  • नीमच पुलिस का अवैध मादक पदार्थ गांजे की खेती पर कड़ा प्रहार जिले की तीन थानों की पुलिस ने कुकड़ेश्वर थाना क्षेत्र अंतर्गत गेहूं और रायड़े की फसल की आड़ में अवैध मादक पदार्थ गांजे की खेती पर पुलिस का शिकंजा। करीब 10 हजार गांजे के हरे गीले पौधे 03 क्विंटल 12 किलो, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 10 लाख रूपयें। थाना कुकड़ेश्वर पुलिस द्वारा मादक पदार्थ की अवैध खेती के विरुद्ध दूसरी बड़ी कार्रवाई....
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    नीमच पुलिस का अवैध मादक पदार्थ गांजे की खेती पर कड़ा प्रहार 
जिले की तीन थानों की पुलिस ने कुकड़ेश्वर थाना क्षेत्र अंतर्गत गेहूं और रायड़े की फसल की आड़ में अवैध मादक पदार्थ गांजे की खेती पर पुलिस का शिकंजा।
करीब 10 हजार गांजे के हरे गीले पौधे 03 क्विंटल 12 किलो, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 10 लाख रूपयें।
थाना कुकड़ेश्वर पुलिस द्वारा मादक पदार्थ की अवैध खेती के विरुद्ध दूसरी बड़ी कार्रवाई....
    user_Rahul Mehar Patrkar
    Rahul Mehar Patrkar
    Journalist मंदसौर नगर, मंदसौर, मध्य प्रदेश•
    13 hrs ago
  • चारभुजा नाथ के चरणों में संवाददाता नंदलाल पुरबिया न्यू द्वारकेश न्यूज़ चैनल नांदोली राजसमंद राजस्थान द्वारा
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    चारभुजा नाथ के चरणों में संवाददाता नंदलाल पुरबिया न्यू द्वारकेश न्यूज़ चैनल नांदोली राजसमंद राजस्थान द्वारा
    user_फोटोग्राफर नंदलाल पुरबिया नांदोली राजसमंद राजस्थान
    फोटोग्राफर नंदलाल पुरबिया नांदोली राजसमंद राजस्थान
    Photographer राजसमंद, राजसमंद, राजस्थान•
    18 hrs ago
  • रील्स बनती रहीं, मासूम दम तोड़ता रहा—चित्तौड़गढ़ में अंधविश्वास की भयावह तस्वीर।
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    रील्स बनती रहीं, मासूम दम तोड़ता रहा—चित्तौड़गढ़ में अंधविश्वास की भयावह तस्वीर।
    user_Alert Nation News
    Alert Nation News
    Chittaurgarh, Chittorgarh•
    6 hrs ago
  • https://www.youtube.com/@lucky_sukhwal_1
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    https://www.youtube.com/@lucky_sukhwal_1
    user_Lucky sukhwal
    Lucky sukhwal
    चित्तौड़गढ़, चित्तौड़गढ़, राजस्थान•
    15 hrs ago
  • rawatbhata tendua basti ward number 10 mataji ka mandir Toda joganiya Mata police walon
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    rawatbhata tendua basti ward number 10 mataji ka mandir Toda joganiya Mata police walon
    user_भारत कि सान
    भारत कि सान
    Farmer चित्तौड़गढ़, चित्तौड़गढ़, राजस्थान•
    15 hrs ago
  • संवाददाता - संतोष व्यास डूंगरपुर। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा (बीपीएमएम) प्रदेश प्रचारक मुकेश कलासुआ के नेतृत्व में अरावली बचाओ आंदोलन को लेकर बीपीएमएम कार्यकर्ता मंगलवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट गेट पर एकत्रित हुए तथा अरावली बचाओ आंदोलन का समर्थन करते हुए धरना देते हुए जमकर नारेबाजी की। वहीं, अतिरिक्त जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 20 नवंबर 2025 को पारित अरावली पर्वतमाला की नई परिभाषा पर पुनर्विचार की मांग की गई है। इस परिभाषा के अनुसार केवल 100 मीटर या उससे अधिक ऊँचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली का हिस्सा माना जाएगा, जिससे पर्वतमाला की लगभग 90 प्रतिशत पहाड़ियाँ कानूनी संरक्षण के दायरे से बाहर हो जाएंगी। ज्ञापन में चेताया गया कि यह तकनीकी हेरफेर अवैध खनन, वनों के विनाश और भू माफिया को खुली छूट देने के समान है। अरावली पर्वतमाला भूजल रिचार्ज, जल संरक्षण और मरुस्थलीकरण रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह जैव-विविधता और वन्यजीवों का प्रमुख आवास भी है। आदिवासी क्षेत्रों में यह जल, जंगल और जमीन का जीवनाधार रही है और स्थानीय समुदाय सदियों से इसकी रक्षा करता आया है। अधिकारियों ने कहा कि नई परिभाषा लागू होने से जलस्त्रोत सूखने, पर्यावरणीय असंतुलन और किसानों एवं पशुपालकों पर प्रतिकूल प्रभाव बढ़ेगा। ज्ञापन में केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया कि ऊँचाई आधारित तकनीकी दृष्टिकोण के बजाय भूवैज्ञानिक, पारिस्थितिक और ऐतिहासिक मानदंड अपनाए जाएँ। इसके साथ ही समस्त अरावली क्षेत्र को संरक्षित पारिस्थितिकी क्षेत्र मानते हुए खनन गतिविधियों पर रोक और कठोर निगरानी सुनिश्चित की जाए। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यह केवल पर्यावरण का मामला नहीं, बल्कि जनहित, आजीविका और भविष्य की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि आवश्यक कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद करना पड़ेगा। ज्ञापन में जोर देकर कहा गया कि अरावली पर्वतमाला को बचाना राष्ट्रीय और सांस्कृतिक दायित्व है, क्योंकि यह केवल भूगोल नहीं बल्कि जीवन, इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
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    संवाददाता - संतोष व्यास
डूंगरपुर। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा (बीपीएमएम) प्रदेश प्रचारक मुकेश कलासुआ के नेतृत्व में अरावली बचाओ आंदोलन को लेकर बीपीएमएम कार्यकर्ता मंगलवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट गेट पर एकत्रित हुए तथा अरावली बचाओ आंदोलन का समर्थन करते हुए धरना देते हुए जमकर नारेबाजी की। वहीं, अतिरिक्त जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। 
ज्ञापन में बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 20 नवंबर 2025 को पारित अरावली पर्वतमाला की नई परिभाषा पर पुनर्विचार की मांग की गई है। इस परिभाषा के अनुसार केवल 100 मीटर या उससे अधिक ऊँचाई वाली पहाड़ियों को ही अरावली का हिस्सा माना जाएगा, जिससे पर्वतमाला की लगभग 90 प्रतिशत पहाड़ियाँ कानूनी संरक्षण के दायरे से बाहर हो जाएंगी।
ज्ञापन में चेताया गया कि यह तकनीकी हेरफेर अवैध खनन, वनों के विनाश और भू माफिया को खुली छूट देने के समान है। अरावली पर्वतमाला भूजल रिचार्ज, जल संरक्षण और मरुस्थलीकरण रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह जैव-विविधता और वन्यजीवों का प्रमुख आवास भी है। आदिवासी क्षेत्रों में यह जल, जंगल और जमीन का जीवनाधार रही है और स्थानीय समुदाय सदियों से इसकी रक्षा करता आया है।
अधिकारियों ने कहा कि नई परिभाषा लागू होने से जलस्त्रोत सूखने, पर्यावरणीय असंतुलन और किसानों एवं पशुपालकों पर प्रतिकूल प्रभाव बढ़ेगा। ज्ञापन में केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया कि ऊँचाई आधारित तकनीकी दृष्टिकोण के बजाय भूवैज्ञानिक, पारिस्थितिक और ऐतिहासिक मानदंड अपनाए जाएँ। इसके साथ ही समस्त अरावली क्षेत्र को संरक्षित पारिस्थितिकी क्षेत्र मानते हुए खनन गतिविधियों पर रोक और कठोर निगरानी सुनिश्चित की जाए।
भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यह केवल पर्यावरण का मामला नहीं, बल्कि जनहित, आजीविका और भविष्य की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि आवश्यक कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद करना पड़ेगा।
ज्ञापन में जोर देकर कहा गया कि अरावली पर्वतमाला को बचाना राष्ट्रीय और सांस्कृतिक दायित्व है, क्योंकि यह केवल भूगोल नहीं बल्कि जीवन, इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
    user_Santosh vyas
    Santosh vyas
    Newspaper advertising department डूंगरपुर, डूंगरपुर, राजस्थान•
    13 hrs ago
  • मंदसौर - दो बच्चों की माँ प्रेमी संग कोर्ट मैरिज करने पहुंची, ससुराल वालो ने किया हंगामा। 24वर्षीय युवक के साथ शादीशुदा महिला जो दो बच्चों की माँ है, जिला कोर्ट पहुंची। आरोप है की दोनों प्रेमी कोर्ट मैरिज करने वाले थे जिसकी सुचना परिजनों को लगने पर कोर्ट पहुंचे। दोनों पक्षो के बीच विवाद होने पर खूब हंगामा हुआ। शांतिभंग में जेल भेजा।
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    मंदसौर - दो बच्चों की माँ प्रेमी संग कोर्ट मैरिज करने पहुंची, ससुराल वालो ने किया हंगामा।
24वर्षीय युवक के साथ शादीशुदा महिला जो दो बच्चों की माँ है, जिला कोर्ट पहुंची। आरोप है की दोनों प्रेमी कोर्ट मैरिज करने वाले थे जिसकी सुचना परिजनों को लगने पर कोर्ट पहुंचे। दोनों पक्षो के बीच विवाद होने पर खूब हंगामा हुआ। शांतिभंग में जेल भेजा।
    user_Rahul Mehar Patrkar
    Rahul Mehar Patrkar
    Journalist मंदसौर नगर, मंदसौर, मध्य प्रदेश•
    21 hrs ago
  • रील्स बनती रहीं, मासूम दम तोड़ता रहा—चित्तौड़गढ़ में अंधविश्वास की भयावह तस्वीर।
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    रील्स बनती रहीं, मासूम दम तोड़ता रहा—चित्तौड़गढ़ में अंधविश्वास की भयावह तस्वीर।
    user_Alert Nation News
    Alert Nation News
    Chittaurgarh, Chittorgarh•
    7 hrs ago
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