मेघालय मंडी भाव किसानों और व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है। मेघालय, जिसे
मेघालय और पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों में प्राचीन पारंपरिक कृषि पद्धति है, जिसे ‘झूम खेती’ (Shifting Cultivation) कहा जाता है। इसमें किसान पहले जंगल की जमीन को अच्छे से साफ करते हैं और पेड़-पौधे जलाकर या काटकर ज़मीन को तैयार करते हैं। इसके बाद वहाँ पर तब तक खेती करते हैं, जब तक की ज़मीन की उपजाऊ ताकत खत्म नहीं हो जाती। आमतौर पर यह समय एक से तीन साल का होता है। इसके बाद किसान उस जगह को छोड़कर किसी नई जगह पर खेती करने चले जाते हैं और पहले वाली ज़मीन को कुछ सालों के लिए खाली छोड़ देते हैं, ताकि वह प्राकृतिक रूप से पुनर्जीवित हो सके। मेघालय में यह पद्धति मुख्य रूप से खासी, गारो और जयंतिया जनजातियों द्वारा अपनाई जाती है। हालाँकि, सरकार और कृषि विशेषज्ञ अब किसानों को इससे हटाकर स्थायी और आधुनिक खेती की ओर प्रोत्साहित कर रहे हैं।
मेघालय में धान (चावल) प्रमुख फसल है, जो पूरे अनाज उत्पादन का लगभग 80% हिस्सा है। धान के अलावा, यहाँ पर मक्का, गेहूँ और कुछ अन्य अनाज और दालें भी उगाई जाती हैं। इसके अलावा आलू, अदरक, हल्दी, काली मिर्च, सुपारी, तेजपत्ता, और पान जैसी फसलें भी उगाते हैं। इस राज्य में कैनोला, सरसों, अलसी, सोयाबीन, अरंडी और तिल जैसी तिलहन फसलों का प्रोडक्शन भी होता है। इतना ही नहीं, मेघालय में फलदार फसलों का भी अच्छा योगदान है, जिनमें संतरा, नींबू, अनानास, अमरूद, लीची, केला, कटहल, आड़ू, आलूबुखारा और नाशपाती जैसे फल शामिल हैं।
पूरे राज्य में सुपारी के बाग बड़े पैमाने पर मिलते हैं, खासकर गुवाहाटी से शिलांग की ओर जाने वाले रास्ते में। इसके अलावा, अब चाय, कॉफी और काजू की खेती भी शुरू हो चुकी है, और धीरे-धीरे बढ़ रही है। साथ ही मशरूम, मसाले और फूलों की भी कई किस्में राज्य में उगाई जाती हैं।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए मेघालय सरकार ने 11 जनवरी 2023 को 'मेघालय स्टेट ऑर्गेनिक एंड नेचुरल फार्मिंग पॉलिसी 2023' को मंज़ूरी दी है। इसके साथ ही, MOVCD-NER यानी कि (Organic Value Chain Development for North Eastern Region) (पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन) योजना के तहत मेघालय के कई इलाकों में खेती को प्रमाणित जैविक खेती में बदला जा रहा है। अब तक इस राज्य में करीब 24,000 हेक्टेयर ज़मीन को जैविक खेती के रूप में मान्यता मिल चुकी है। सरकार की इन पहल से किसानों को अपनी फसल के लिए बेहतर दाम मिल रहे हैं।
अंतिम अपडेट की गई कीमत: : 05 दिसंबर, 2025
₹10990.00/क्विंटल
₹6000/क्विंटल
₹16000/क्विंटल
ताज़ा बाज़ार दरों के अनुसार, मेघालय में हरी मिर्च की औसत कीमत ₹10990.00/क्विंटल है। कम से कम बाजार मूल्य है ₹6000/क्विंटल। सबसे अधिक बाजार मूल्य है ₹16000/क्विंटल।
| मंडी | न्यूनतम मूल्य (Rs./क्विंटल) | अधिकतम मूल्य (Rs./क्विंटल) | जिला | अंतिम अपडेट | प्रकार | संपर्क करें |
|---|---|---|---|---|---|---|
| शिलांग पूर्वी खासी हिल्स | ₹7000 | ₹8000 | पूर्वी खासी हिल्स | 2 दिसंबर 2025 | हरी मिर्च | डाउनलोड करें |
| शिलांग पूर्वी खासी हिल्स | ₹7500 | ₹8500 | पूर्वी खासी हिल्स | 2 दिसंबर 2025 | अन्य | डाउनलोड करें |
| तुरा वेस्ट गारो हिल्स | ₹10000 | ₹12000 | वेस्ट गारो हिल्स | 4 दिसंबर 2025 | हरी मिर्च | डाउनलोड करें |
| तुरा वेस्ट गारो हिल्स | ₹13000 | ₹15000 | वेस्ट गारो हिल्स | 2 दिसंबर 2025 | अन्य | डाउनलोड करें |
| तुरा वेस्ट गारो हिल्स | ₹12000 | ₹14000 | वेस्ट गारो हिल्स | 3 दिसंबर 2025 | हरी मिर्च | डाउनलोड करें |
| रोंगराम वेस्ट गारो हिल्स | ₹12000 | ₹16000 | वेस्ट गारो हिल्स | 4 दिसंबर 2025 | हरी मिर्च | डाउनलोड करें |
| मौकिर्वत दक्षिण पश्चिम खासी हिल्स | ₹8000 | ₹8300 | दक्षिण पश्चिम खासी हिल्स | 3 दिसंबर 2025 | अन्य | डाउनलोड करें |
| मौकिर्वत दक्षिण पश्चिम खासी हिल्स | ₹6000 | ₹6500 | दक्षिण पश्चिम खासी हिल्स | 3 दिसंबर 2025 | अन्य | डाउनलोड करें |
| दादानगिरी वेस्ट गारो हिल्स | ₹14000 | ₹16000 | वेस्ट गारो हिल्स | 3 दिसंबर 2025 | हरी मिर्च | डाउनलोड करें |
| दादानगिरी वेस्ट गारो हिल्स | ₹12000 | ₹14000 | वेस्ट गारो हिल्स | 3 दिसंबर 2025 | अन्य | डाउनलोड करें |
हरी मिर्च का उच्चतम मंडी भाव मेघालय में ₹10990.00 प्रति क्विंटल है।
हरी मिर्च का न्यूनतम मंडी भाव मेघालय में ₹10990.00 प्रति क्विंटल है।
हरी मिर्च का मंडी मूल्य आज मेघालय में ₹10990.00 प्रति क्विंटल है।
हरी मिर्च का मंडी मूल्य आज मेघालय में ₹10990.00 प्रति किलोग्राम है।