
आजकल HD 3086 गेहूँ की किस्म किसानों के बीच काफी पसंद की जा रही है। अच्छी पैदावार, रोगों से बचाव और बाज़ार में अच्छी मांग- इन तीन वजहों से ये किस्म बहुत फायदेमंद मानी जाती है। अगर आप भी इस किस्म की खेती करने की सोच रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए ही है। HD 3086, जिसे बहुत से किसान ‘पूसा गौतमी‘ के नाम से भी जानते हैं। ये किस्म खासतौर पर उत्तर भारत के किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। चलिए गेहूँ की इस किस्म (HD 3086 Wheat Variety Details in Hindi) के बारे में डिटेल में बात करते हैं ताकि आप भी इस किस्म की हर ज़रूरी बात अच्छे से जान सकें!
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HD 3086 गेहूँ की एक उन्नत और भरोसेमंद किस्म है, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली ने साल 2013 में विकसित किया था। यह किस्म खास तौर पर उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों के लिए बनाई गई है यानी जहाँ सिंचाई की सुविधा हो और बुवाई सही समय पर की जाती हो। गेहूँ की यह किस्म उन किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई है जो ज़्यादा पैदावार, बीमारियों से बचाव और बढ़िया क्वालिटी वाला गेहूँ चाहते हैं। इसकी एक और बड़ी खासियत है कि इससे बनी रोटियां नरम, स्वादिष्ट और लंबे समय तक ताज़ा रहती हैं, इसलिए इसकी बाज़ार में भी अच्छी मांग है।
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गेहूँ की यह किस्म (HD 3086 Wheat Variety) खास तौर पर उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों (NWPZ) के लिए बनाई गई है। HD 3086 गेहूँ की किस्म में कई ऐसी खूबियाँ हैं, जो इसे बाकी किस्मों से खास बनाती हैं; जैसे कि-
किसान भाई नरसिंहपुर मंडी भाव, ललितपुर मंडी भाव और कटनी मंडी भाव पर रोज़ाना अपडेट के साथ सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
1. बुवाई का सही समय : HD 3086 की बुवाई का सबसे अच्छा समय नवंबर से दिसंबर के बीच होता है। अगर इस समय पर बुवाई कर दी जाए, तो फसल खूब बढ़िया होती है। और अगर किसी वजह से देरी हो जाए, तो ये किस्म देर से बोने पर भी अच्छा परिणाम देती है।
2. बीज की मात्रा :अगर आप एक हेक्टेयर खेत में बुवाई कर रहे हैं, तो आपको करीब 100 किलो बीज चाहिए होगा। और अगर आपके पास एक एकड़ जमीन है, तो 55 से 60 किलो बीज काफ़ी है।
3. खेत की तैयारी: सबसे पहले समतल और उपजाऊ ज़मीन का चुनाव करें। पलेवा (हल्का पानी देकर मिट्टी नरम करना) करने के बाद डिस्क या टिलर से खेत की जुताई करें। अगर खेत में दीमक हो, तो पलेवा के साथ क्लोरपाइरीफॉस 20 EC दवा को 5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से मिलाकर दें।
4. उर्वरक (खाद) का सही तरीके पर ध्यान दें: HD 3086 के लिए खाद की मात्रा इस तरह रखें:
60:24:16 किलो प्रति एकड़ (नाइट्रोजन: फॉस्फोरस: पोटाश)। नाइट्रोजन को तीन बार में देना चाहिए:
5. सिंचाई : गेहूँ की इस किस्म को 5 से 6 बार सिंचाई की ज़रूरत होती है। पहली सिंचाई – बुवाई के करीब 20-22 दिन बाद। फिर हर 20 दिन के अंतराल पर पानी देते रहें।
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आप HD 3086 का प्रमाणित बीज सरकारी कृषि बीज केंद्र, सहकारी समितियों, अधिकृत बीज विक्रेता से खरीद सकते हैं। बीज हमेशा भरोसेमंद जगह से खरीदें और रसीद लेना न भूलें।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी गेहूँ की फसल अच्छी हो, तो HD 3086 एक बेहतरीन विकल्प है। बस सही समय पर बुवाई करें, खेत की अच्छे से तैयारी करें, और सिंचाई और खाद की व्यवस्था सही रखें। इस तरह आप अधिक पैदावार और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
आजकल HD 3086 गेहूँ की किस्म किसानों के बीच काफी पसंद की जा रही है। अच्छी पैदावार, रोगों से बचाव और बाज़ार में अच्छी मांग- इन तीन वजहों से ये किस्म बहुत फायदेमंद मानी जाती है। अगर आप भी इस किस्म की खेती करने की सोच रहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए ही है। […]