logo
Shuru App
Over 1cr users
HomeHindi Blogsdap khad full form benefits in hindi

What is DAP fertilizer? क्या है DAP खाद? जानें फायदे, नुकसान और इस्तेमाल की पूरी जानकारी

updated at: Wed Jul 23 2025
कमलेश रंजन author-कमलेश रंजन's-image
feature image

खेती-बाड़ी में खाद का बहुत बड़ा महत्व होता है। बिना पोषण के फसलें कमजोर हो जाती हैं और उपज भी कम हो जाती है। इसीलिए किसान समय-समय पर रासायनिक या जैविक खादों का इस्तेमाल करते हैं। इन खादों में से एक बहुत मशहूर और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली खाद है DAP खाद। हम यहां पर आपको DAP खाद के बारे में विस्तार में बता रहे हैं कि DAP क्या है, इसमें क्या-क्या होता है, कैसे बनती है, इसका इस्तेमाल कैसे करें, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं और क्या इससे फसल पर कोई असर पड़ता है?

DAP खाद क्या है?

DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) एक रासायनिक उर्वरक (What is DAP fertilizer) है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से खेती में नाइट्रोजन (N) और फॉस्फोरस (P) की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसमें 18% नाइट्रोजन और 46% फॉस्फोरस होता है, इसलिए इसे 18-46-0 उर्वरक भी कहा जाता है। यह खाद खासतौर पर फसल की शुरुआती वृद्धि के लिए बेहद फायदेमंद होती है, क्योंकि यह जड़ों के विकास को तेज करती है और पौधों को मजबूती देती है।

DAP खाद दानेदार रूप में होती है और इसे मिट्टी में आसानी से मिलाया जा सकता है। इसका असर धीरे-धीरे होता है, जिससे पौधों को लंबे समय तक पोषण मिलता है। यह भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली उर्वरकों में से एक है और लगभग हर प्रकार की फसल जैसे गेहूं, धान, मक्का, चना, सरसों आदि में उपयोग की जाती है।

DAP कैसे बनाई जाती है?

DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) खाद (DAP fertilizer) को एक रासायनिक प्रक्रिया से तैयार किया जाता है, जिसमें दो मुख्य तत्वों का इस्तेमाल होता है जो फॉस्फोरिक एसिड (H₃PO₄) और अमोनिया गैस (NH₃) है। जब इन दोनों को सही अनुपात में मिलाया जाता है, तो रासायनिक प्रतिक्रिया के बाद DAP के कण (ग्रेन्युल) बनते हैं। यह प्रतिक्रिया बहुत गर्म होती है, जिसे ठंडा करके दानेदार रूप में बदला जाता है।

DAP निर्माण की प्रक्रिया में सुरक्षा, तापमान नियंत्रण और पर्यावरण मानकों का पालन करना बेहद जरूरी होता है क्योंकि इसमें ज्वलनशील गैसें और तेज़ रसायन उपयोग होते हैं। तैयार DAP को सुखाया जाता है और फिर थैलों में भरकर बाज़ार में भेजा जाता है। यह खाद बनाने की प्रक्रिया बड़ी फैक्ट्रियों में खास तकनीकी मशीनों की मदद से की जाती है, ताकि गुणवत्ता और शुद्धता बनी रहे।

मुख्य कच्चे पदार्थ:

  • फॉस्फोरिक एसिड
  • अमोनिया गैस
  • सल्फ्यूरिक एसिड (कुछ मामलों में)
  • फिल्टर और ड्रायिंग मशीन

इस पूरी प्रक्रिया में सुरक्षा और पर्यावरणीय नियमों का पालन करना जरूरी होता है, क्योंकि ये रसायन तेज और संवेदी होते हैं।

अगर आप यूपी और एमपी की मंडियों के ताज़ा रेट जानना चाहते हैं, तो ललितपुर मंडी भाव, पिपरिया मंडी भाव, दमोही मंडी भाव, औरैया मंडी भाव और नरसिंहपुर मंडी भाव जरूर देखें।

DAP खाद का इस्तेमाल कैसे करें?

DAP खाद का इस्तेमाल (DAP fertilizer) फसलों की शुरुआती बढ़त और जड़ों के विकास के लिए किया जाता है। इसे बुवाई से पहले मिट्टी में अच्छी तरह मिलाना चाहिए, ताकि पोषक तत्व सीधे जड़ों तक पहुंचें। ध्यान रखें कि DAP को पौधे की जड़ से थोड़ी दूरी पर डालें, क्योंकि सीधा संपर्क जलन पैदा कर सकता है। खाद डालने के बाद हल्की सिंचाई करना जरूरी है, जिससे यह मिट्टी में घुलकर असर दिखा सके।

प्रति एकड़ 40 से 60 किलो DAP की सामान्य मात्रा मानी जाती है, लेकिन सटीक मात्रा के लिए मिट्टी परीक्षण जरूर कराएं। दालों, धान, गेहूं, मक्का जैसी फसलों में इसका उपयोग व्यापक है। DAP को अकेले डालने की बजाय अन्य उर्वरकों जैसे पोटाश या जैविक खाद के साथ मिलाकर संतुलित तरीके से डालें, ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे और फसल को संपूर्ण पोषण मिले।

किस फसल में कितना DAP?

फसलप्रति एकड़ DAP
गेहूं50-60 किलो
धान40-50 किलो
सरसों35-40 किलो
दालें20-30 किलो
मक्का45-55 किलो

ध्यान रखें: सटीक मात्रा के लिए मिट्टी की जांच जरूर कराएं।

DAP खाद के फायदे

DAP खाद के कई फायदे हैं, इसलिए यह किसानों में बेहद लोकप्रिय है:

  1. शुरुआती बढ़त में मददगार: DAP खाद फसल की शुरुआत में आवश्यक नाइट्रोजन और फॉस्फोरस प्रदान करती है, जिससे पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और पत्तों की हरियाली अच्छी रहती है। इससे पौधा तेजी से बढ़ता है। 
  2. उपज बढ़ाने में सहायक: संतुलित पोषण मिलने से पौधों का विकास अच्छा होता है, फूल और फल अधिक आते हैं, जिससे फसल की उपज में सीधा इजाफा होता है।
  3. लंबे समय तक असरदार: DAP में मौजूद फॉस्फोरस धीरे-धीरे घुलता है, जिससे यह लंबे समय तक पौधों को पोषण देता है और बार-बार खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ती।
  4. आसानी से उपलब्ध और उपयोग में सरल: यह खाद भारत के लगभग सभी कृषि केंद्रों और दुकानों पर उपलब्ध है। इसके दानेदार रूप की वजह से इसे खेत में फैलाना और मिट्टी में मिलाना भी आसान होता है।
  5. सस्ती और प्रभावी खाद: सरकार DAP पर सब्सिडी देती है, जिससे यह किसान की पहुंच में बनी रहती है। इसके उपयोग से कम खर्च में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

DAP खाद के नुकसान

जहां फायदे हैं, वहीं इसके गलत या ज्यादा इस्तेमाल से नुकसान भी हो सकते हैं।

  1. मिट्टी की उर्वरता में गिरावट: लगातार DAP का इस्तेमाल करने से मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीवाणु और जैविक तत्व खत्म होने लगते हैं। इससे मिट्टी की प्राकृतिक ताकत धीरे-धीरे कम हो जाती है। 
  2. माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की कमी: DAP सिर्फ नाइट्रोजन और फॉस्फोरस देता है। इसके अधिक प्रयोग से मिट्टी में पोटाश, सल्फर, जिंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जो फसलों के संतुलित विकास के लिए जरूरी होते हैं। 
  3. मिट्टी की अम्लता बढ़ाना: DAP का अत्यधिक उपयोग मिट्टी का pH असंतुलित कर सकता है, जिससे मिट्टी अम्लीय हो जाती है और फसलें ठीक से नहीं पनपतीं। 
  4. जड़ों को नुकसान: अगर DAP सीधे पौधे की जड़ों से संपर्क में आ जाए, तो यह जड़ों को जलाने या सूखा देने का कारण बन सकता है, खासकर कम पानी वाली ज़मीन में। 
  5. पर्यावरण पर असर: बारिश या सिंचाई के बाद DAP के अंश नालों और जल स्रोतों तक पहुंच सकते हैं, जिससे जल प्रदूषण और प्राकृतिक तंत्र पर असर पड़ता है।

किसानों को DAP क्यों इस्तेमाल करना चाहिए?

  1. शुरुआत में फसल को तेज़ बढ़त देता है: DAP में मौजूद फॉस्फोरस जड़ों को मजबूत बनाता है और नाइट्रोजन पत्तियों की हरियाली बढ़ाता है। इससे फसल की शुरुआती बढ़वार तेज होती है, जो आगे अच्छी उपज की नींव रखती है। 
  2. अधिक उत्पादन की संभावना: संतुलित पोषण मिलने से पौधों में अधिक फूल, फल और दाने बनते हैं। इससे पैदावार बढ़ती है और किसान को ज्यादा लाभ मिलता है। 
  3. सस्ती और सब्सिडी वाली खाद: सरकार DAP पर सब्सिडी देती है, जिससे किसान इसे कम कीमत में खरीद सकते हैं। कम लागत में ज्यादा फायदा DAP की सबसे बड़ी खासियत है। 
  4. हर फसल में उपयोगी: DAP लगभग हर प्रकार की फसल (गेहूं, धान, चना, मक्का आदि) के लिए उपयोगी है, इसलिए किसान इसे आसानी से अपने खेत में शामिल कर सकते हैं। 
  5. उपलब्धता और इस्तेमाल में आसानी: यह खाद हर कृषि केंद्र या दुकान पर उपलब्ध होती है और दानेदार होने की वजह से इसे खेत में फैलाना और मिलाना भी बहुत आसान होता है।

भारत के अलग-अलग राज्यों के मंडी रेट जानने के लिए उत्तर प्रदेश मंडी भाव, हरियाणा मंडी भाव और हिमाचल प्रदेश मंडी भाव की जानकारी ज़रूर देखें।

किसानों के लिए सुझाव

  1. मिट्टी की जांच जरूर कराएं: खेती शुरू करने से पहले अपनी जमीन की मिट्टी की जांच कराएं। इससे यह पता चलेगा कि मिट्टी में कौन-से पोषक तत्वों की कमी है और DAP की कितनी मात्रा सही रहेगी। 
  2. DAP को संतुलित उर्वरकों के साथ मिलाकर डालें: सिर्फ DAP पर निर्भर न रहें। इसके साथ पोटाश, जैविक खाद या कम्पोस्ट मिलाकर प्रयोग करें, ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे और फसल को पूरा पोषण मिले। 
  3. DAP सीधे जड़ों पर न डालें: खाद को पौधों की जड़ों से थोड़ी दूरी पर डालें, और उसके बाद हल्की सिंचाई करें। इससे जड़ें जलती नहीं और खाद अच्छी तरह घुलकर असर करती है। 
  4. बार-बार एक ही खाद का इस्तेमाल न करें: हर बार सिर्फ DAP डालने से मिट्टी में अम्लता और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। फसल और मौसम के हिसाब से उर्वरकों में बदलाव करें। 
  5. सरकारी योजनाओं और ट्रेनिंग का लाभ उठाएं: सरकार समय-समय पर DAP पर सब्सिडी, किसान प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम चलाती है। इनसे जुड़ें, ताकि सही जानकारी मिल सके और लागत भी कम हो।

निष्कर्ष

DAP खाद खेती के लिए बेहद प्रभावशाली है, खासकर फसल की शुरुआती अवस्था में, लेकिन इसका सही इस्तेमाल, संतुलन और जानकारी के साथ होना बेहद जरूरी है। सिर्फ पैदावार बढ़ाने के चक्कर में DAP का अंधाधुंध प्रयोग न करें। अगर किसान DAP का संतुलित तरीके से और समय पर इस्तेमाल करें, तो यह उनकी फसल, मिट्टी और जेब तीनों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

देशभर के किसानों के लिए कटनी मंडी भाव, बीना मंडी भाव, मुरैना मंडी भाव, जबलपुर मंडी भाव और महोबा मंडी भाव जैसे मंडियों के ताज़ा रेट जानना अब बेहद आसान है।

कमलेश रंजन

कमलेश रंजन

खेती-बाड़ी में खाद का बहुत बड़ा महत्व होता है। बिना पोषण के फसलें कमजोर हो जाती हैं और उपज भी कम हो जाती है। इसीलिए किसान समय-समय पर रासायनिक या जैविक खादों का इस्तेमाल करते हैं। इन खादों में से एक बहुत मशहूर और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली खाद है DAP खाद। हम यहां […]

Similar Blogs

Shriram 303 Wheat Variety Details in Hindi : किसानों के लिए मुनाफे की फसल

Shriram 303 Wheat Variety Details in Hindi : किसानों के लिए मुनाफे की फसल

Read more
Tapioca Vegetable Plant in Hindi : जानिए आखिर कैसी होती है कसावा की खेती!

Tapioca Vegetable Plant in Hindi : जानिए आखिर कैसी होती है कसावा की खेती!

Read more
HD 3086 Wheat Variety Details in Hindi: गेहूँ की ऐसी किस्म जो बनी है किसानों की पहली पसंद!

HD 3086 Wheat Variety Details in Hindi: गेहूँ की ऐसी किस्म जो बनी है किसानों की पहली पसंद!

Read more
2967 Wheat Variety in Hindi: जानिए इसकी बुवाई से लेकर कमाई तक की पूरी कहानी

2967 Wheat Variety in Hindi: जानिए इसकी बुवाई से लेकर कमाई तक की पूरी कहानी

Read more
Urad ki Kheti : उड़द की खेती कैसे होती है?

Urad ki Kheti : उड़द की खेती कैसे होती है?

Read more
Shuru
Over 1cr+ users
About Us
Contact Us: info@shuru.co.in
Top Electrician Services
Electrician in Jabalpur
Electrician in Raipur
Electrician in Surat
Electrician in Kanpur
Electrician in Vadodara
Electrician in Nagpur
Electrician in Nashik
Electrician in Rajkot
Electrician in Jaipur
Electrician in Indore
Electrician in Pune
Electrician in Hyderabad
Top Carpenter Services
Carpenter in Jabalpur
Carpenter in Raipur
Carpenter in Surat
Carpenter in Kanpur
Carpenter in Vadodara
Carpenter in Nagpur
Carpenter in Nashik
Carpenter in Rajkot
Carpenter in Jaipur
Carpenter in Indore
Carpenter in Pune
Carpenter in Hyderabad
Top Astrologer Services
Astrologer in Jabalpur
Astrologer in Raipur
Astrologer in Surat
Astrologer in Kanpur
Astrologer in Vadodara
Astrologer in Nagpur
Astrologer in Nashik
Astrologer in Rajkot
Astrologer in Jaipur
Astrologer in Pune
Astrologer in Hyderabad
Top Plumber Services
Plumber in Jabalpur
Plumber in Raipur
Plumber in Surat
Plumber in Kanpur
Plumber in Vadodara
Plumber in Nagpur
Plumber in Nashik
Plumber in Rajkot
Plumber in Jaipur
Plumber in Indore
Plumber in Pune
Plumber in Hyderabad
Trending Mandi 🔥
Pipariya Mandi
Itarsi Mandi
Damoh Mandi
Adampur Mandi
Dabra Mandi
Mandi Services
Bihar
Chattisgarh
Madhya Pradesh
Maharashtra
Nct Of Delhi
Karnataka
Goa
Pondicherry
Kerala
Odisha
Andaman And Nicobar
Gujarat
Uttar Pradesh
Meghalaya
Rajasthan
Uttrakhand
Manipur
Andhra Pradesh
Punjab
Odisha
Tamil Nadu
Assam
Jammu And Kashmir
Telangana
Tripura
Chandigarh
Nagaland
West Bengal
Haryana
Himachal Pradesh
Astrology and Panchang
Astrology
Kundali Matching
Panchang in English
Panchang in Hindi
Panchang in Gujarati
Panchang in Bangla
Panchang in Kannada
Panchang in Malayalam
Panchang in Marathi
Panchang in Odia
Panchang in Punjabi
Panchang in Tamil
Panchang in Telugu
Panchang in Assamese
Quick Links
News
Services
Elections
Latest Political News
Politicians
Blogs
Weather
About Us
About Us
Contact Us
Terms and Conditions
Privacy Policy
Team and Career
Refund and Cancellation Policy
Follow Shuru app on
Shuru, a product of Close App Private Limited.