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Dhingri Mushroom Cultivation in Hindi : किसान कैसे शुरू करें ढींगरी मशरूम की खेती? 

updated at: Wed Aug 06 2025
कमलेश रंजन author-कमलेश रंजन's-image
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किसान अब परंपरागत फसल तक ही सीमित नहीं है; अब वे ऐसे अवसर भी तलाश रहे हैं, जिससे कम लागत में ज़्यादा मुनाफा कमाया जा सके। इनमें से एक है ढींगरी मशरूम की खेती (Dhingri Mushroom Cultivation in Hindi) यानी कि ऑयस्टर मशरूम की खेती (Oyster Mushroom Cultivation in India). ढींगरी मशरूम को उगाना आसान है। इसी वजह से अब ये भारत में 

तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इस ब्लॉग में हम आपको ढींगरी मशरूम की खेती के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसमें इसकी खेती का समय, विधि, लागत, और मुनाफे की जानकारी शामिल होगी। तो चलिए शुरू करते हैं!

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ढींगरी मशरूम क्या है?

ढींगरी मशरूम एक खाद्य मशरूम है जो अपनी सीप जैसी आकृति के कारण प्रसिद्ध है। इसे वैज्ञानिक भाषा में प्लूरोटस (Pleurotus) प्रजाति कहा जाता है। यह मशरूम सफेद, क्रीम, भूरे, गुलाबी या पीले रंग में पाया जाता है और इसका स्वाद हल्का और लाजवाब होता है। इसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों में होता है। यह प्रोटीन, विटामिन (जैसे विटामिन C और B कॉम्प्लेक्स), और खनिजों (पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम) से भरपूर होता है। इतना ही नहीं, यह औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है, जिसके कारण यह कोलेस्ट्रॉल कम करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।

ढींगरी मशरूम की खेती (Dhingri Mushroom Cultivation in Hindi) भारत के कई राज्यों; जैसे- ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है। यह मशरूम 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान और 55-70% नमी में आसानी से उगाया जा सकता है। 

और पढ़ें: Solar Pump MP Subsidy Yojana: किसानों को मिलेगा 90% सब्सिडी पर सोलर पंप

ढींगरी मशरूम की खेती का सही समय (Oyster Mushroom Cultivation in India)

भारत में ढींगरी मशरूम की खेती का समय जगह पर निर्भर करता है; जैसे कि- पहाड़ी क्षेत्रों (900 मीटर से अधिक ऊंचाई) में मार्च-अप्रैल से सितंबर-अक्टूबर तक का समय सबसे अच्छा होता है। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में सितंबर-अक्टूबर से मार्च-अप्रैल तक की अवधि आदर्श होती है। गर्मियों के मौसम में अगर अतिरिक्त नमी दी जाए, तो इसे सालभर उगाया जा सकता है। इस तरह, ढींगरी मशरूम की खेती (Oyster Mushroom Cultivation in India) लगभग पूरे साल संभव है; बशर्ते सही तापमान और नमी का ध्यान रखा जाए।

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ढींगरी मशरूम की खेती की प्रक्रिया

ढींगरी मशरूम की खेती एक सरल और कम लागत वाली प्रक्रिया है। इसे चार मुख्य चरणों में बांटा जा सकता है:

1. सब्सट्रेट तैयार करना

सब्सट्रेट वह सामग्री है जिस पर मशरूम उगाया जाता है। ढींगरी मशरूम की खेती के लिए धान का भूसा, गेहूँ का भूसा, मक्का, ज्वार, बाजरा, या सूखी घास जैसी सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। इन सामग्रियों को सेल्यूलोज और लिग्निन की मात्रा के कारण चुना जाता है, जो मशरूम को बढ़ने में मदद करते हैं। इसकी प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है;

  1. सबसे पहले, भूसे को 5-7 सेंटीमीटर के छोटे टुकड़ों में काट लें। इसे 18-24 घंटे तक साफ पानी में भिगोएं ताकि यह 70-75% नम हो जाए। इसके बाद, अतिरिक्त पानी निकाल दें। 
  2. भूसे को कीटाणुरहित करने के लिए 100 लीटर पानी में 7 ग्राम कार्बेंडाजिम और 125 मिलीलीटर फॉर्मेलिन मिलाकर घोल बनाएं। भूसे को इस घोल में 18 घंटे तक डुबोएं, फिर इसे निकालकर जालीदार सतह पर रखकर अतिरिक्त पानी हटा दें।

2. बीज (स्पॉन) की बुआई

ढींगरी मशरूम की खेती के लिए हाई क्वालिटी वाला बीज (स्पॉन) चुनें, जैसे प्लूरोटस फ्लोरिडा या प्लूरोटस ओस्ट्रेटस। इसके बाद ये प्रक्रिया अपनाएँ:

नम भूसे में 2% स्पॉन मिलाएं। इसे 15×12 इंच की पॉलिथीन बैग में भरें। बैग में छोटे-छोटे छेद करें ताकि हवा का प्रवाह बना रहे। फिर इन बैग्स को मशरूम हाउस या किसी छायादार और नम स्थान पर रखें।

3. इन्क्यूबेशन (माइसीलियम का बढ़ना)

बीज डालने के बाद, बैग्स को 20-25 दिनों तक 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान और 80-85% नमी वाले स्थान पर रखें। इस दौरान माइसीलियम (मशरूम का जाल) पूरे भूसे में फैल जाता है। जब बैग में सफेद जाल दिखाई दे, तो पॉलिथीन को हटा दें।

4. फ्रूटिंग और कटाई

पॉलिथीन हटाने के बाद, बैग्स को रैक पर 20 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें। रोज़ाना हल्का पानी छिड़कें ताकि नमी बनी रहे। 2-3 दिनों में छोटे-छोटे मशरूम (पिनहेड्स) दिखाई देंगे। जब ये 6-8 सेंटीमीटर के हो जाएं, तो इन्हें तेज चाकू से काट लें या उंगलियों से तोड़ लें। एक बैग से 2-3 बार कटाई हो सकती है, और प्रति टन सूखे भूसे से 500-700 किलोग्राम ताजा मशरूम प्राप्त हो सकता है।

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ढींगरी मशरूम की खेती के लिए ज़रूरी उपकरण और स्थान

ढींगरी मशरूम की खेती (Oyster Mushroom Cultivation in India) के लिए ज़्यादा महंगे उपकरणों की ज़रूरत नहीं होती। आप इसे घर के किसी अच्छे हवादार कमरे, शेड, या बेसमेंट में शुरू कर सकते हैं। बस इसके लिए आपको इन चीज़ों की ज़रूरत होगी;

  1. पॉलिथीन बैग : भूसे और स्पॉन को भरने के लिए।
  2. रैक : बैग्स को व्यवस्थित करने के लिए।
  3. स्प्रे बोतल : नमी बनाए रखने के लिए।
  4. साफ पानी और कीटनाशक सामग्री: जैसे कार्बेंडाजिम और फॉर्मेलिन।
  5. तापमान और नमी नियंत्रक: अगर संभव हो, तो नियंत्रित वातावरण के लिए।

लागत और मुनाफा

ढींगरी मशरूम की खेती कम लागत में शुरू की जा सकती है। 10 क्विंटल भूसे से मशरूम उगाने की लागत लगभग 25,000 रुपये होती है। इससे लगभग 48,000 रुपये मूल्य का मशरूम प्राप्त हो सकता है, जिससे 23,000 रुपये का सीधे प्रॉफिट होता है। बाज़ार में क्वालिटी के आधार पर ढींगरी मशरूम की कीमत 120 रुपये से 1000 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो सकती है।

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कमलेश रंजन

कमलेश रंजन

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