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Nano DAP क्या होती है? जानिए इस्तेमाल, फायदे और नुकसान की पूरी जानकारी

updated at: Mon Jul 28 2025
कमलेश रंजन author-कमलेश रंजन's-image
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भारत में कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जो समय के साथ आधुनिक तकनीकों और उन्नत उत्पादों के साथ बदलता जा रहा है। इसी कड़ी में एक नया और उपयोगी नाम जुड़ा है, जो Nano DAP खाद है। किसानों की लागत कम करने और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से IFFCO (इफको) ने Nano DAP (Nano DAP) का उत्पादन शुरू किया है। यह पारंपरिक DAP की तुलना में अधिक प्रभावशाली और पर्यावरण के लिए सुरक्षित मानी जा रही है। हम यहां पर आपको बता रहे हैं कि Nano DAP क्या होती है, इसका इस्तेमाल कैसे करें, किन फसलों के लिए लाभकारी है, कब डालना चाहिए, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं और यह मिट्टी में कितने समय तक असर दिखाती है?

Nano DAP क्या होती है?

Nano DAP (Nano Di-Ammonium Phosphate) एक प्रकार का तरल खाद है, जिसे Nano तकनीक की मदद से तैयार किया गया है। इसका मतलब है कि इसमें मौजूद नाइट्रोजन (N) और फॉस्फोरस (P) के अणु बेहद छोटे (Nano स्केल) होते हैं, जिससे यह पौधों की जड़ों और पत्तियों में आसानी से अवशोषित हो जाता है। IFFCO द्वारा विकसित यह खाद पर्यावरण के लिए सुरक्षित होने के साथ-साथ पारंपरिक DAP की तुलना में ज्यादा असरदार है। 1 बोतल (500 ml) Nano DAP लगभग एक बैग (50 किलो) पारंपरिक DAP के बराबर मानी जाती है।

Nano DAP कब डालना चाहिए?

Nano DAP का इस्तेमाल फसल की शुरुआती स्थिति में करना सबसे अच्छा माना जाता है, जब पौधों को ज्यादा फॉस्फोरस और नाइट्रोजन की जरूरत होती है।

इस्तेमाल करने का सही समय:

  • बुवाई के 15-20 दिन बाद
  • पहली सिंचाई के बाद
  • फूल निकलने से पहले
  • आवश्यकता अनुसार पत्तियों पर छिड़काव के रूप में

फसलों के लिए Nano DAP कितना फायदेमंद है?

Nano DAP का इस्तेमाल करीब सभी फसलों में किया जा सकता है, जैसे:

  • धान, गेहूं, मक्का, जौ जैसी अनाज फसलें
  • सोयाबीन, मूंगफली, चना, अरहर जैसी दलहन फसलें
  • सरसों, तिल, अलसी जैसी तिलहन फसलें
  • गन्ना, कपास, टमाटर, आलू, प्याज, मिर्च जैसी नकदी फसलें
  • फल और सब्जियां- जैसे तरबूज, खीरा, पपीता, आम, केला आदि

Nano DAP फसल की जड़ों की मजबूती, पत्तियों की हरियाली और फूल-फल की गुणवत्ता को बढ़ाने का काम करता है।

अगर आप यूपी और एमपी की मंडियों के ताज़ा रेट जानना चाहते हैं, तो ललितपुर मंडी भाव, पिपरिया मंडी भाव, दमोही मंडी भाव, औरैया मंडी भाव और नरसिंहपुर मंडी भाव जरूर देखें।

Nano DAP का इस्तेमाल कैसे करें?

Nano DAP को दो तरीकों से इस्तेमाल में लाया जा सकता है:

1. फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव):

  • 1 बोतल (500 ml) को 200 लीटर पानी में मिलाकर 1 एकड़ क्षेत्र में छिड़कें।
  • बारीक नोजल वाले स्प्रेयर का उपयोग करें।

2. ड्रिप या फर्टिगेशन सिस्टम के माध्यम से:

  • अगर ड्रिप सिस्टम है, तो 500 ml को प्रति एकड़ आवश्यक पानी में मिलाकर दिया जा सकता है।

नोट: किसी भी कीटनाशक या अन्य उर्वरक के साथ मिलाने से पहले चेक कर लें कि वे एक-दूसरे के साथ अनुकूल हैं या नहीं।

Nano DAP के फायदे 

  1. तेज अवशोषण क्षमता: Nano DAP के कण बहुत छोटे होते हैं, जिससे यह पौधों की पत्तियों और जड़ों द्वारा तेजी से अवशोषित हो जाता है। इससे पोषण तुरंत मिल जाता है और फसल की वृद्धि में कोई देरी नहीं होती।
  2. कम लागत और अधिक प्रभाव: एक 500 मिलीलीटर बोतल Nano DAP, एक 50 किलो DAP बैग के बराबर पोषण देती है। इससे परिवहन और लागत दोनों में बचत होती है। किसानों को प्रति एकड़ खर्च कम आता है और लाभ अधिक होता है।
  3. भंडारण और परिवहन में सुविधा: पारंपरिक उर्वरकों की बोरी भारी और जगह घेरने वाली होती है, जबकि Nano DAP की बोतलें हल्की होती हैं, जिन्हें आसानी से स्टोर और ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है, खासकर पहाड़ी या दूरदराज के इलाकों में।
  4. पर्यावरण के लिए सुरक्षित: पारंपरिक DAP के ज्यादा इस्तेमाल से मृदा और जल स्रोतों में फॉस्फोरस का रिसाव होता है, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। Nano DAP सीमित और केंद्रित मात्रा में इस्तेमाल होता है, जिससे प्रदूषण का खतरा कम होता है।
  5. उत्पादन में सुधार और संतुलित पोषण: इसमें नाइट्रोजन और फॉस्फोरस का संतुलन होता है, जो पौधों के शुरुआती विकास और जड़ वृद्धि में मदद करता है। इससे उत्पादन में 10-15% तक की वृद्धि देखी गई है।

Nano DAP के नुकसान

  1. अत्यधिक छिड़काव से नुकसान: यदि Nano DAP की अनुशंसित मात्रा से अधिक छिड़काव किया जाए तो पौधों की पत्तियां झुलस सकती हैं, जिससे उनका विकास रुक सकता है।
  2. सभी परिस्थितियों में प्रभावी नहीं: सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जहां सिंचाई की सुविधा नहीं है, वहां Nano DAP का पत्तियों पर छिड़काव कम असर दिखा सकता है। इसके लिए पर्याप्त नमी जरूरी होती है।
  3. सभी पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं करता: Nano DAP में केवल नाइट्रोजन और फॉस्फोरस होते हैं। जबकि फसल को पोटाश, सल्फर, जिंक, बोरॉन जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की भी जरूरत होती है, जो इसमें नहीं मिलते।
  4. कीटनाशकों के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया की संभावना: कुछ कीटनाशकों या अन्य उर्वरकों के साथ मिलाने पर यह रासायनिक प्रतिक्रिया कर सकता है, जिससे पौधों को नुकसान हो सकता है। इसलिए इसे मिलाने से पहले टेस्ट स्प्रे करना जरूरी है।
  5. लंबी अवधि का अनुभव कम: Nano टेक्नोलॉजी आधारित DAP एक नई तकनीक है। इसके दीर्घकालीन प्रभावों पर अभी भी शोध चल रहा है। यह देखने की जरूरत है कि यह तकनीक मिट्टी की उर्वरता और उत्पादन पर वर्षों बाद क्या असर डालेगी।

किन पौधों को Nano DAP की जरूरत है?

Nano डीएपी उन सभी पौधों को दी जा सकती है जिनमें शुरूआती विकास में पोषक तत्वों की जरूरत अधिक होती है। यह विशेष रूप से अनाज, दलहन, सब्जियां, तिलहन और फलदार पौधों के लिए उपयुक्त है। छोटे पौधों, नर्सरी और बागवानी उत्पादों में इसका असर जल्दी दिखाई देता है।

DAP मिट्टी में कितने समय तक रहता है?

पारंपरिक DAP जब मिट्टी में डाला जाता है, तो उसमें मौजूद फॉस्फोरस का एक बड़ा हिस्सा मिट्टी में फंस जाता है और पौधे उसे अवशोषित नहीं कर पाते। लेकिन Nano DAP की खास बात यह है कि यह फॉस्फोरस को सीधे पौधे की पत्तियों या जड़ों में पहुंचाता है। इसका प्रभाव जल्दी दिखता है लेकिन इसकी प्रभावशीलता 7-15 दिन तक रहती है। जरूरत अनुसार इसे 2-3 बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

किसानों के लिए Nano DAP को लेकर सुझाव

Nano DAP एक आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित उर्वरक है, इसलिए किसानों को इसके इस्तेमाल में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. सही समय पर इस्तेमाल करें: Nano DAP का सर्वोत्तम परिणाम तभी मिलेगा जब इसे फसल की आवश्यकता के अनुसार सही समय पर प्रयोग किया जाए, जैसे बुवाई के बाद 15-20 दिन के अंदर या फूल आने से पहले। 
  2. अनुशंसित मात्रा में ही छिड़काव करें: एक एकड़ में 500 मिलीलीटर से अधिक न डालें। जरूरत से ज़्यादा उपयोग करने से पौधे को नुकसान हो सकता है। 
  3. दूसरे उर्वरकों के साथ मिलाने से पहले टेस्ट करें: अगर आप Nano DAP को किसी कीटनाशक या दूसरे खाद के साथ मिलाना चाहते हैं, तो पहले एक छोटी मात्रा में परीक्षण जरूर करें ताकि किसी भी रासायनिक प्रतिक्रिया से बचा जा सके। 
  4. स्प्रे के लिए सही मौसम चुनें: धूप निकलने के तुरंत बाद या शाम को छिड़काव करें। बारिश के समय या तेज धूप में स्प्रे न करें। 
  5. फसल के अनुसार योजना बनाएं: हर फसल की पोषण आवश्यकता अलग होती है। इसलिए अपनी फसल के अनुसार ही Nano DAP का इस्तेमाल करें। 

निष्कर्ष

Nano DAP खेती के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव है। यह न केवल किसानों की लागत को कम करता है, बल्कि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को भी बढ़ाता है। छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह एक किफायती और सुलभ समाधान बन सकता है। हालांकि इसका इस्तेमाल सही मात्रा और समय पर करना बहुत जरूरी है, ताकि इसका अधिकतम लाभ उठाया जा सके। यदि आप भी अपनी फसल को ज्यादा उपज और बेहतर पोषण देना चाहते हैं, तो Nano DAP एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी और सलाह के लिए आप कृषि विशेषज्ञों या कृषि सेवा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।

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कमलेश रंजन

कमलेश रंजन

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