
MP e‑Uparjan मध्य प्रदेश सरकार का एक डिजिटलीकृत कृषि उपार्जन प्रणाली (e‑Procurement) है जिसे खाद्य एवं रसद विभाग ने लांच किया है। यह किसानों और सरकारी उपार्जन केन्द्रों के बीच अनाज खरीद प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने हेतु शुरू की गई है। यह प्रणाली पूरे राज्य में खरीफ, रबी और जायदूँ फसलों (जैसे गेहूं, धान, ज्वार, बाजरा, चना, मसूर, सरसों आदि) के लिए लागू है, और इसका उद्देश्य किसानों को MSP (Minimum Support Price) पर न्यूनतम समय में भुगतान सुनिश्चित करना है।
मध्य प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में बड़ी संख्या में किसान हर साल गेहूं, धान, चना, सरसों, मसूर जैसी फसलें उगाते हैं, जिनकी सरकारी समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद होती है। पहले यह खरीद प्रक्रिया मैनुअल और कागजी थी, जिससे कई गंभीर समस्याएं सामने आती थीं, जिसमें किसानों को समय पर भुगतान नहीं मिलता, बिचौलियों की भूमिका बढ़ना, नकली पंजीकरण और भ्रष्टाचार की आशंका रहना, फसल खरीद के आंकड़े ठीक से रिकॉर्ड नहीं होना और वास्तविक किसान को लाभ नहीं मिलता तक शामिल है।
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इन सब समस्याओं को दूर करने और किसानों को पारदर्शी, तेज और भरोसेमंद प्रणाली देने के लिए MP सरकार ने MP e‑Uparjan पोर्टल शुरू किया। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
ई‑उपार्जन का लाभ राज्य के सभी कृषक उठा सकते हैं यदि वे निम्नलिखित शर्तें पूरी करते हैं:
मध्य प्रदेश सरकार ने e‑Uparjan प्रणाली को इस तरह से डिजाइन किया है कि किसान घर बैठे मोबाइल, कंप्यूटर या लोक सेवा केंद्र (CSC) के जरिए अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन कर सकें और सरकारी समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल बेच सकें। नीचे पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध (step-by-step) दी जा रही है:
चरण 1: पोर्टल पर जाना: सबसे पहले किसान को MP e‑Uparjan पोर्टल पर जाना होता है। यदि मोबाइल से जा रहे हैं, तो e‑Uparjan मोबाइल ऐप (खरीफ/रबी सीजन के अनुसार अलग ऐप) भी डाउनलोड कर सकते हैं।
चरण 2: किसान पंजीकरण प्रारंभ करना: पोर्टल पर जाकर “किसान पंजीकरण (Farmer Registration)” विकल्प पर क्लिक करें। यहां किसान को अपना आधार नंबर या समग्र आईडी दर्ज करनी होती है। इसके बाद, OTP के ज़रिए आधार सत्यापन (authentication) किया जाता है।
चरण 3: किसान की जानकारी भरना: OTP सत्यापन के बाद किसान को नीचे दी गई जानकारी भरनी होती है:
| विवरण | क्या भरना होता है |
| किसान का नाम | आधार कार्ड और समग्र ID के अनुसार नाम भरना है |
| पिता / पति का नाम | पहचान सत्यापन हेतु पिता या पति का नाम |
| ग्राम, तहसील, जिला | किसान की भौगोलिक स्थिति – गांव, तहसील और जिला का नाम |
| मोबाइल नंबर | आधार से लिंक किया हुआ मोबाइल नंबर |
| बैंक खाता विवरण | बैंक खाता संख्या और IFSC कोड |
| भूमि की जानकारी | खसरा नंबर, भूमि का क्षेत्रफल, और फसल का प्रकार |
| फसल का विवरण | कौन सी फसल बोई है और उसकी अनुमानित मात्रा कितनी है |
ध्यान दें: भूमि रिकॉर्ड स्वचालित रूप से गिरदावरी डेटा से लिंक होता है। यदि गिरदावरी नहीं है या गलत है, तो तहसील से सत्यापन कराना होगा।
किसान को अपने दस्तावेज (स्कैन कॉपी या फोटो) अपलोड करने होते हैं:
चरण 5: पंजीकरण की पुष्टि और रसीद प्राप्त करना: सभी जानकारी भरने के बाद किसान पंजीकरण फॉर्म को “सबमिट” करता है। सफल पंजीकरण के बाद एक पंजीकरण क्रमांक (Registration ID) जनरेट होता है और उसका प्रिंट / पीडीएफ रसीद मिलती है। यह रसीद बहुत जरूरी होती है, किसान को उपार्जन केंद्र पर इसे साथ लाना होता है।
चरण 6: स्लॉट बुकिंग (फसल बेचने की तारीख तय करना): पंजीकरण के बाद किसान को उपार्जन केंद्र और समय स्लॉट चुनना होता है। इससे भीड़ और अव्यवस्था से बचा जा सकता है। कुछ वर्षों में SMS के माध्यम से स्लॉट अलॉटमेंट भी किया गया है, जिसमें किसान को उसके मोबाइल पर सूचना दी जाती है कि किस दिन और समय पर उसे केंद्र पर जाना है।
चरण 7: उपार्जन केंद्र पर फसल की बिक्री: तय दिन और समय पर किसान अपनी फसल लेकर संबंधित उपार्जन केंद्र (Procurement Center) पर पहुंचता है। वहां कृषि अधिकारी या केंद्र प्रभारी किसान की रसीद, आधार, और फसल की मात्रा को चेक करते हैं। फसल की तौल होती है और उसकी रसीद (Purchase Receipt) दी जाती है।
चरण 8: भुगतान प्रक्रिया: खरीदी के बाद भुगतान प्रक्रिया अपने आप e‑Uparjan पोर्टल के माध्यम से शुरू हो जाती है। कुछ दिन में (आमतौर पर 7 कार्यदिवस के भीतर), भुगतान सीधा किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है (DBT – Direct Benefit Transfer प्रणाली द्वारा)। पेमेंट की स्थिति किसान पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से चेक कर सकता है।
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MP e‑Uparjan का उद्देश्य सिर्फ अनाज की खरीद नहीं, बल्कि किसानों को सशक्त बनाना, सरकारी प्रक्रिया को पारदर्शी और ईमानदार बनाना और पूरी खरीद प्रणाली को आधुनिक तकनीक आधारित बनाना है। इस पहल ने न केवल किसानों का विश्वास जीता है, बल्कि पूरे देश में डिजिटल कृषि खरीद का आदर्श मॉडल बन कर उभरा है।
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MP e‑Uparjan मध्य प्रदेश सरकार का एक डिजिटलीकृत कृषि उपार्जन प्रणाली (e‑Procurement) है जिसे खाद्य एवं रसद विभाग ने लांच किया है। यह किसानों और सरकारी उपार्जन केन्द्रों के बीच अनाज खरीद प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने हेतु शुरू की गई है। यह प्रणाली पूरे राज्य में खरीफ, रबी और जायदूँ फसलों (जैसे गेहूं, […]




