Lok Sabha Elections in India - लोकसभा चुनाव
भारत में आम चुनाव या संसदीय चुनाव राष्ट्रीय चुनाव की तरह है जो भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा के सदस्यों का चुनाव करने के लिए हर पांच साल में होते हैं। भारत के संविधान में दो सदन के गठन का प्रावधान है, जिसमें राज्यसभा (उच्च सदन) और लोकसभा (निचला सदन) शामिल हैं। लोकसभा में अधिकतम 545 सदस्य होते हैं, जिनमें से 543 निर्वाचित क्षेत्र हैं और दो एंग्लो-इंडियन समुदाय से भारत के राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं। आम चुनाव कई चरणों में आयोजित किए जाते हैं। आम चुनाव या लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटों को सुरक्षित करने वाला राजनीतिक दल या गठबंधन ही केंद्र में सरकार बनाता है और संसदीय सदस्यों के नेता को प्रधानमंत्री कहा जाता है। आम चुनाव लोकतांत्रिक अभ्यास है, जो कई हफ्तों तक आयोजित किए जाते हैं।
संसदीय निर्वाचन क्षेत्र
राज्य/जगह | प्रकार | निर्वाचन क्षेत्र/ संसद में सीट |
---|---|---|
उत्तर प्रदेश | राज्य | 80 |
पश्चिम बंगाल | राज्य | 42 |
बिहार | राज्य | 40 |
आंध्र प्रदेश | राज्य | 25 |
गुजरात | राज्य | 26 |
कर्नाटक | राज्य | 28 |
केरल | राज्य | 20 |
महाराष्ट्र | राज्य | 48 |
राजस्थान | राज्य | 25 |
मध्य प्रदेश | राज्य | 29 |
तमिलनाडु | राज्य | 39 |
दिल्ली | केन्द्र शासित प्रदेश | 7 |
झारखंड | राज्य | 14 |
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
अरुणाचल प्रदेश | राज्य | 2 |
असम | राज्य | 14 |
चंडीगढ़ | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
छत्तीसगढ़ | राज्य | 11 |
दादरा और नगर हवेली | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
दमन और दीव | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
गोवा | राज्य | 1 |
हरियाणा | राज्य | 10 |
हिमाचल प्रदेश | राज्य | 4 |
जम्मू और कश्मीर | केन्द्र शासित प्रदेश | 6 |
लक्षद्वीप | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
मणिपुर | राज्य | 2 |
मेघालय | राज्य | |
नागालैंड | राज्य | 1 |
उड़ीसा | राज्य | 21 |
पुदुच्चेरी | केन्द्र शासित प्रदेश | 1 |
पंजाब | राज्य | 13 |
सिक्किम | राज्य | 1 |
त्रिपुरा | राज्य | 2 |
उत्तराखंड | राज्य | 5 |
तेलंगाना | राज्य | 17 |
लोकसभा चुनाव या आम चुनाव क्यों किया जाता है?
आम चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है जो हर पांच साल में होते हैं। आम चुनाव का उद्देश्य केंद्र सरकार को चुनना है जो कि पांच सालों तक देश का नेतृत्व करती है। लोकसभा में ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने वाला राजनीतिक दल या गठबंधन केंद्र में सरकार बनाता है और इसके जरिए भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति की जाती है। केंद्र सरकार पूरे देश के विकास, विदेश नीति, रक्षा और आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। आम चुनाव के जरिए केंद्र सरकार का गठन और प्रधानमंत्री की नियुक्ति होती है, जिससे लोकतंत्र को बढ़ावा मिलता है। इस चुनाव के जरिए जनता को अपने प्रतिनिधियों को चुनने और उन्हें उनके कामों के लिए जवाबदेह ठहराने की शक्ति देता है। देश में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आम चुनाव भी आयोजित किए जाते हैं। अस्थिर सरकार से अर्थव्यवस्था, विदेश नीति और सामाजिक कल्याण पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।
प्रधानमंत्री का चुनाव कैसे होता है?
आम चुनाव का उद्देश्य प्रधानमंत्री की नियुक्ति है। प्रधानमंत्री भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा के सदस्यों द्वारा चुना जाता है। प्रधानमंत्री के चुनाव की प्रक्रिया में कई चरण होते हैं। प्रधानमंत्री के चुनाव की प्रक्रिया आम चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद शुरू होती है, लेकिन आम चुनाव के प्रचार के समय ही राजनीतिक दल अपनी पार्टी के किसी नेता को पीएम के चेहरे के तौर पर उपयोग करते हैं। जब आम चुनाव में किसी एक दल या गठबंधन को बहुमत नहीं मिलता है, तब कुछ दल मिलकर गठबंधन बनाते हैं। ऐसे मामलों में गठबंधन से जुड़े राजनीतिक दल आपस में बातचीत करते हैं और तय करते हैं कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा।
संसद में सीटों की संख्या
भारतीय संसद में दो सदन होते हैं: लोकसभा और राज्य सभा। निचला सदन लोकसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 545 है, जिनमें 543 निर्वाचित क्षेत्र है और दो सदस्यों को भारत के राष्ट्रपति नामित करते हैं।
राज्यसभा उच्च सदन है और इसकी अधिकतम संख्या 250 है। इनमें से 238 सदस्य राज्य विधान सभाओं के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं, और 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।
लोकसभा और राज्यसभा में सीटों की संख्या राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जनसंख्या के आधार पर तय की गई है। सीटों का बंटवारा एक सूत्र का उपयोग करके किया जाता है, जिसमें राज्य की जनसंख्या, राज्य के क्षेत्रफल और राज्य विधान सभा के सदस्यों की संख्या का उपयोग किया जाता है।
भारतीय आम चुनाव 2024
साल 2019 का भारतीय आम चुनाव सबसे ज्यादा यानी कि 90 करोड़ से ज्यादा पात्र मतदाताओं के साथ विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक अभ्यास है। उम्मीद है, अगले साल 2024 के आम चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़ें। यह चुनाव अगले पांच सालों के लिए देश के भविष्य का निर्धारण करेगा। 2024 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी संभावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार है। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2014 से सत्ता में हैं और 2024 में तीसरे कार्यकाल के लिए उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना है।
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री पद का चेहरा हो सकते हैं। वह सक्रिय रूप से मोदी सरकार के खिलाफ प्रचार करते रहे हैं। हालांकि वह बीते चुनाव में अपने नेतृत्व को सफल नहीं बना सके हैं। तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को दो बार जीत मिली है लेकिन कांग्रेस पार्टी वापसी करने के लिए संघर्ष कर रही है। तृणमूल कांग्रेस, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK), और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) जैसे क्षेत्रीय दल भी सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संभावना है कि किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलें तब सरकार गठबंधन की बन सकती है। ऐसे में अगला प्रधानमंत्री तय करने में क्षेत्रीय दल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
पहला लोकसभा चुनाव (Loksabha election)
आजाद भारत का पहला लोकसभा चुनाव (India’s first Lok Sabha election) अप्रैल 1952 में हुआ। पहला आम चुनाव सफलतापूर्वक हुआ और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) को 245 सीटें मिली। संविधान के जरिए सदन की अधिकतम शक्ति 552 है, जो राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 530 सदस्यों के चुनाव द्वारा बनाई गई है, केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 20 सदस्य हैं।
भारत में हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कुल डाले गए वोटों का 45 प्रतिशत हासिल करने में सफल रही। पूरे भारत से 44.87 प्रतिशत की चुनावी भागीदारी की सूचना मिली थी। और तब पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले निर्वाचित प्रधान मंत्री बने, उनकी पार्टी ने स्पष्ट रूप से डाले गए वोटों का 75.99% (47,665,951) जीतकर अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराया था। यह लोकसभा 17 अप्रैल, 1952 को गठित हुई थी, इस सरकार का कार्यकाल 4 अप्रैल, 1957 तक रहा।
पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को चुनौती देने के लिए जवाहरलाल लाल नेहरू के दो पूर्व कैबिनेट सहयोगियों ने अलग-अलग राजनीतिक दलों की स्थापना की। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अक्टूबर 1951 में जनसंघ की स्थापना की, जबकि बीआर अम्बेडकर ने शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन (जिसे बाद में रिपब्लिकन पार्टी का नाम दिया गया) को पुनर्जीवित किया। अन्य दल में किसान मजदूर प्रजा परिषद, सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शामिल थे।
पहला लोकसभा चुनाव 489 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए आयोजित किया गया था, इस चुनाव के दौरान 26 भारतीय राज्यों ने प्रतिनिधित्व किया। पहली लोकसभा के अध्यक्ष श्री जीवी मावलंकर थे। पहली लोकसभा में भी 677 बैठकें (3,784 घंटे) हुई, जो बैठकों की संख्या की सर्वाधिक दर्ज संख्या है। लोकसभा अपना पूर्ण कार्यकाल 17 अप्रैल, 1952 से 4 अप्रैल, 1957 तक चला।
लोकसभा चुनाव प्रक्रिया (Lok sabha election process)
आम चुनाव की प्रक्रिया में प्रवेश करने के लिए उम्मीदवारों को चुनाव आयोग के साथ नामांकन दाखिल करना पड़ता है। इस दौरान राजनीतिक पार्टियों को चुनावों में प्रचार के लिए सरकारी धन का उपयोग करने से रोक दिया गया है। इस दौरान सरकार को नए प्रोजेक्ट शुरू करने से भी मना किया जाता है। सभी नामांकन भरने के बाद उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित की जाती है। चुनाव प्रक्रिया सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलती है। मतदान प्रभारी उस क्षेत्र का कलेक्टर होता है। अब मतदान प्रक्रिया के लिए ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का उपयोग किया जाता है।