Upcoming Elections in Rajasthan - आगामी चुनाव राजस्थान
राजस्थान को 'राजाओं की भूमि' भी कहा जाता है। राजस्थान कई कारणों से प्रसिद्ध है, थार मरुस्थल, पिंक सिटी जयपुर, राजस्थान का इतिहास। राजस्थान में पिछला विधानसभा चुनाव साल 2018 में हुआ था। विधानसभा चुनाव की पांच साल की अवधि पूरी होने के बाद इस साल 2023 में दोबारा विधानसभा चुनाव होंगे। राजस्थान विधानसभा में 200 सदस्य होते हैं। इन सभी 200 निर्वाचन क्षेत्र पर चुनाव किए जाते हैं ताकि विधायक (MLA) चुने जा सके, जो राजनीतिक दल सबसे ज्यादा सीटों पर जीतती है, उसी का नेता मुख्यमंत्री बनता है। वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम 2018 (Rajasthan 2018 Legislative Election Result)
राजनीतिक दल और गठबंधन | सीट जीती |
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 100 |
राष्ट्रीय लोकदल | 1 |
स्वतंत्र | 13 |
भारतीय जनता पार्टी | 73 |
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी | 3 |
भारतीय ट्राइबल पार्टी | 2 |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) | 2 |
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
राजस्थान फैक्ट्स
मुख्यमंत्री | अशोक गहलोत |
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राज्यपाल | कलराज मिश्र |
सरकार | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
विपक्षी | भारतीय जनता पार्टी |
अगला विधानसभा चुनाव | संभावित वर्ष 2023 में |
पिछला विधानसभा चुनाव | वर्ष 2018 में |
लोकसभा | 25 सीट |
राज्यसभा | 10 सीट |
विधानसभा | 200 सीट |
राजस्थान क्षेत्रफल | 342,239 वर्ग किमी |
राजस्थान जनसंख्या | 68,548,437* (2011) |
प्रमुख भाषाएँ | हिंदी और अंग्रेजी |
राजस्थान की राजधानी | जयपुर |
राजस्थान विधान सभा
साल 1817-18 में ब्रिटिश साम्राज्य ने राजस्थान के कई राजाओं के साथ गठबंधन की संधियाँ की और ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी के बाद ये सभी रियासतें भारत में मिल गई। राजस्थान की एकीकरण प्रक्रिया मार्च 1948 से नवंबर 1956 तक सात चरणों में की गई थी। राजस्थान में एक सदनीय विधायिका यानी विधानसभा की व्यवस्था है। इसमें 200 सदस्य होते हैं। वर्तमान में राज्य में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सत्ता में है और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री है। राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनाव दिसंबर 2018 में हुआ था। विधान सभा के सदस्य 5 साल की अवधि के लिए चुने जाते हैं।
2018 में गठित हुई इस विधानसभा का कार्यकाल साल को समाप्त होने वाला है। जिसके बाद साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजस्थान विधानसभा की बैठक जयपुर में स्थित विधान भवन में होती है।
राजस्थान विधान सभा का इतिहास
राजस्थान में पहला विधानसभा चुनाव साल 1952 में हुआ था। इस दौरान गठित हुई विधानसभा का कार्यकाल 1952 तक चला था। पहली विधानसभा में सदस्यों की संख्या 160 थी। साल 1956 में जब राजस्थान राज्य में अजमेर का विलय हुआ तो सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 190 कर दी गई। दूसरी विधानसभा (1957-62) में सदस्यों की संख्या थी। जबकि चौथी विधानसभा (1967-72) में 184 सदस्य थे। छठी (1977-80) विधान सभा के बाद से सदस्यों की संख्या 200 हो गई।राजस्थान के विधानसभा चुनाव के शुरुआती सालों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का वर्चस्व रहा। पार्टी ने 1952 और 1957 में पहले दो विधानसभा चुनाव जीते और इसके बाद भी कई दशकों तक राज्य में सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखी। साल 1990 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल जैसे क्षेत्रीय दलों के कारण राज्य की राजनीतिक स्थिति बदल गई। भाजपा ने साल 1993 में पहली बार राज्य में सरकार बनाई, जिसमें भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने। साल 1998 और 2003 में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा ने अगले दो विधानसभा चुनाव जीते। साल 2008 के चुनावों में कांग्रेस से अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए। 2013 के चुनावों में भाजपा दोबारा सत्ता में आई। वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
राजस्थान में सबसे हालिया विधानसभा चुनाव 2018 में हुए थे, इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस पार्टी के बीच जमकर मुकाबला हुआ, आखिर में कांग्रेस ने चुनाव जीता और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने।
पिछला चुनाव
राजस्थान में साल 2018 के विधानसभा चुनाव होने के बाद अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने। पिछले 4 सालों में कई कारणों से राज्य में 9 उपचुनाव हुए हैं। इसमें कांग्रेस को 66 प्रतिशत सफलता मिली है और 9 में से 6 उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। इस कारण राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा करते हैं कि राज्य में सरकार विरोधी कोई लहर नहीं है। वर्तमान में चल रही विधानसभा का कार्यकाल जल्द ही पूरा होने वाला है। जिसके बाद सरकार और विपक्षी दल पूरी तरह से इलेक्शन मोड में आ जाएंगे, और चुनाव के लिए आचार संहिता लग जाएगी।
पिछले 4 सालों में हुए 9 उपचुनाव
राजस्थान में साल 2018 में विधानसभा चुनाव के बाद कुल नौ उपचुनाव हुए हैं। इन 9 में से 6 उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी सिर्फ दो सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी है। इसमें बीजेपी से क्रमशः धौलपुर से शोभारानी कुशवाह, राजसमंद से दीप्ति माहेश्वरी ने जीत हासिल की। उपचुनाव की सभी सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव जीता, धरियावद से नगराज मीणा (कांग्रेस), वल्लभ नगर से प्रीति शक्तावत (कांग्रेस), सुजानगढ से मनोज मेघवाल (कांग्रेस), सहाड़ा से गायत्री त्रिवेदी (कांग्रेस), मंडावा से रीटा चौधरी (कांग्रेस) और अब सरदार शहर उपचुनाव में कांग्रेस के अनिल शर्मा ने जीत हासिल की।
राजस्थान के मतदाता
राजस्थान में 4,15,72,188 करोड़ लोग वोटर्स हैं, जिसमें 1,96,74,585 करोड़ महिलाएं हैं। इसमें दस फीसदी से ज्यादा लोग 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं।
राजस्थान में संभावित रूप से साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वर्तमान में राज्य में कांग्रेस की सरकार है और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री है। कांग्रेस शासन के दौरान कई बार विपक्ष भाजपा ने कमजोर नेतृत्व और दरार का मुद्दा उठाया लेकिन कांग्रेस विधानसभा में अपनी अवधि पूरी करने वाली है लेकिन अशोक गहलोत-सचिन पायलट और अन्य नेताओं के बीच अनबन का फायदा अगले चुनाव में भाजपा को मिलने की संभावना बढ़ गई है। आपके हिसाब से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी में से कौनसा दल राज्य में सरकार बनाएगा? अपनी राय हमें बताएं ?