Anurag Thakur (अनुराग ठाकुर)

| नाम | अनुराग सिंह ठाकुर |
|---|---|
| पद | सांसद |
| जन्म और आयु | 24 अक्टूबर 1974 (आयु 49 वर्ष में) |
| पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
| चुनावी सीट | हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश |
| शिक्षा | दोआबा कॉलेज (बीए) |
परिचय
अनुराग सिंह ठाकुर भारतीय जनता पार्टी के एक भारतीय राजनेता और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा में सांसद हैं। वह खेल, युवा मामलों के मंत्री हैं। उनके पिता का नाम प्रेम कुमार धूमल हैं, वह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे। अनुराग सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं, चार बार संसद सदस्य रहे हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अनुराग सिंह ठाकुर का जन्म 24 अक्टूबर 1974 को हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में राजपूत परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम प्रेम कुमार धूमल और माता का नाम हैं। उन्होंने पंजाब के जालंधर के दोआबा कॉलेज से बीए किया है। उन्होंने 27 नवंबर 2002 को हिमाचल प्रदेश सरकार में रहे पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर की बेटी शेफाली ठाकुर से शादी की।
राजनीतिक करियर
अनुराग ठाकुर ने 14 वीं लोकसभा के लिए उपचुनाव लड़ा और अपने पिता के चुनावी क्षेत्र हमीरपुर को जीतते हुए सांसद बने। उन्होंने साल 2009 में 15वीं लोकसभा, 2014 में 16वीं लोकसभा और 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए। साल 2019 में वह संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित होने वाले भारतीय जनता पार्टी के पहले सांसद बने। संसद रत्न पुरस्कार की शुरुआत सांसदों द्वारा योगदान को मान्यता देने के लिए साल 2010 में की गई थी। साल 2016 से लेकर 2017 तक वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। साल 2019 से लेकर 2021 तक उन्होंने वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में काम किया। साल 2021 से वह युवा मामलों और खेल मंत्री और सूचना और प्रसारण मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
सुर्ख़ियों में क्यों?
साल 2016 में अनुराग ठाकुर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष बने लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा। असल में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष बनने पर उनकी नियुक्ति को लेकर विवाद होने लगा था। वह वह धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के अधिकारों को लेकर हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के बीच कानूनी मामले का सामना कर रहे थे। इसलिए उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा।