Satya Pal Singh (सत्य पाल सिंह)

| नाम | सत्य पाल सिंह |
|---|---|
| पद | सांसद |
| जन्म और आयु | 29 नवंबर 1955 (आयु 68 वर्ष) |
| पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
| चुनावी सीट | बागपत, उत्तर प्रदेश |
| शिक्षा | दिल्ली यूनिवर्सिटी (केमिस्ट्री में एमफिल) |
परिचय
सत्य पाल सिंह भारतीय राजनेता और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य है। वह 16वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के बागपत निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए और 2019 के चुनावों में उनकी सीट बरकरार रही।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सत्य पाल सिंह का जन्म 29 नवंबर 1955 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बसौली में हुआ। उनके पिता का नाम रामकिशन और माता का नाम हुक्मवती है। उन्होंने बड़ौत के दिगंबर जैन कॉलेज में केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन और उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में एमफिल भी किया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से एमबीए किया और लोक प्रशासन में एमए और नागपुर यूनिवर्सिटी से नक्सलवाद में पीएचडी की है। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने आईपीएस ऑफिसर के तौर पर सेवा की। उनकी बेटी, चारु प्रज्ञा भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रवक्ता हैं।
राजनीतिक करियर
सत्य पाल सिंह महाराष्ट्र कैडर और 1980 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हैं। सिंह की पहली पोस्टिंग नासिक के सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई थी। इसके बाद वे बुलढाणा के पुलिस अधीक्षक बने। वह महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक थे। उन्होंने मुंबई में संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) के रूप में भी काम किया। अपने आईपीएस करियर में उन्हें छोटा राजन, छोटा शकील और अरुण गवली गिरोह सहित 1990 के दशक में मुंबई को आतंकित करने वाले संगठित माफिया की रीढ़ तोड़ने का श्रेय दिया जाता है।
सत्य पाल सिंह ने साल 2014 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्हें बागपत (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से चुनाव जीता। साल 2017 में उन्होंने जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की कमान संभाली। इसके बाद साल 2019 के चुनाव में वह बागपत क्षेत्र से दोबारा सांसद बनें। उन्होंने संसद में किसानों के मुद्दे उठाएं और पश्चिमी यूपी में गन्ना किसानों की समस्याओं को भी उठाते रहे हैं। 29 नवंबर 2014 को उन्होंने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत, उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने निर्वाचन क्षेत्र बागपत में पलरी गांव को गोद लिया। 11 दिसंबर 2014 को, उन्हें भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश (यूपी) कार्य समिति के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
सुर्ख़ियों में क्यों?
सत्य पाल सिंह तब सुर्ख़ियों में आ गए जब 2 जून 2014 को मुंबई पुलिस ने सत्य पाल सिंह के स्वामित्व वाले एक फ्लैट से चलाए जा रहे एक वेश्यावृत्ति रैकेट का खुलासा किया, तब उन्होंने कहा था कि ये घर 33 महीनों के लिए एक रियल एस्टेट फर्म इंडियाबुल्स को लीज पर दिया गया था और उनकी छवि को खराब करने की साजिश है।