Shivraj Singh Chouhan (शिवराज सिंह चौहान)

| नाम | शिवराज सिंह चौहान |
|---|---|
| पद | मुख्यमंत्री |
| जन्म और आयु | 5 मार्च 1959 (आयु 64 वर्ष में) |
| पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
| चुनावी सीट | बुधनी, मध्य प्रदेश |
| शिक्षा | बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी (एमए फिलोसॉफी) |
परिचय
शिवराज सिंह चौहान भारतीय राजनेता और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य हैं। वे मध्य प्रदेश के 17वें मुख्यमंत्री हैं, इसके पहले भी वह 3 बार इसी पद के लिए चुने गए हैं। वर्तमान में वह मध्य प्रदेश में बुधनी से विधानसभा के सदस्य हैं।
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प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च, 1959 को मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जैत गाँव में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम श्री प्रेम सिंह चौहान और माता का नाम श्रीमती सुंदर बाई चौहान के हुआ था। जैत नर्मदा नदी के किनारे बसा एक छोटा सा गांव है।
शिवराज सिंह चौहान ने साल 1972 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जॉइन किया।शिवराज सिंह चौहान ने साल 1975 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़कर छात्र राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 16 वर्ष की उम्र में उन्हें मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया। छात्र राजनीति करने के साथ उन्होंने बरकतुल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से मास्टर्स ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की और गोल्ड मेडल भी प्राप्त किया। साल 1976 से 1977 तक, उन्होंने आपातकाल के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया और कुछ समय के लिए भोपाल जेल में कैद रहे।
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राजनीतिक करियर
शिवराज सिंह चौहान पहली बार साल 1990 में बुधनी निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद साल साल 1991 में विदिशा निर्वाचन क्षेत्र से 10 वीं लोकसभा में पहली बार संसद सदस्य चुने गए थे। साल 1996 में 11वीं लोकसभा में वे दोबारा संसद के सदस्य चुने गए। वे शहरी और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य और परामर्शदात्री समिति, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सदस्य और 1996 से 1997 तक शहरी और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य और साल 1997 से 1998 तक शहरी और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य, भाजपा, मध्य प्रदेश के महासचिव थे। साल 1998 में वह 12वीं लोकसभा में तीसरी बार संसद के सदस्य चुने गए। वह 1998 से 1999 तक शहरी और ग्रामीण विकास समिति और ग्रामीण क्षेत्रों और रोजगार मंत्रालय में उप-समिति के सदस्य थे।
साल 1999 में 13वीं लोकसभा में संसद सदस्य के तौर पर उनका चौथा कार्यकाल था। वह 1999 से 2000 तक कृषि समिति के सदस्य, 1999 से 2001 तक सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य और 2000 से 2003 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। शिवराज सिंह चौहान हाउस कमेटी (लोकसभा) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी थे।
इसके बाद साल 2003 में बीजेपी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। उस समय, शिवराज सिंह राघौगढ़ से तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें वे हार गए थे। वह साल 2000 से 2004 तक संचार मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य थे। वह साल 2004 में 260,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से 14वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए।
शिवराज सिंह चौहान 30 नवंबर 2005 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया था। जिसके बाद उन्होंने अगले साल बुधनी विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ा, जिसमें 36,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की। साल 2008 के चुनाव में वे बुधनी सीट पर 41,000 से ज्यादा वोटों से जीतें। उन्होंने 12 दिसंबर 2008 को मुख्यमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। 8 दिसंबर 2013 को वे दोबारा 84805 के अंतर से बुधनी से विधानसभा चुनाव जीतें। उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर तीसरे कार्यकाल के लिए चुना गया था।
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सुर्ख़ियों में क्यों?
साल 2018 के मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए लेकिन बीजेपी बहुमत हासिल करने में विफल रही, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 23 मार्च 2020 को ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कमलनाथ की सरकार गिर गई, और शिवराज सिंह चौहान दोबारा मुख्यमंत्री बन गए।
उन्हें लाड़ली लक्ष्मी योजना और बेटी बचाओ अभियान शुरू करने के लिए जाना जाता है। वह संसद के पांच बार सदस्य रहे हैं, साल 1991 और 2006 के बीच लोकसभा में विदिशा का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने पहले 2005 और 2018 के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और राज्य के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में रिकॉर्ड कायम किया। वह पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, संसदीय बोर्ड के सदस्य और भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य भी थे।