बिहार सरकार ने निजी सचिवों को विभागीय कार्यों में दखलअंदाजी करने से किया मना
बिहार सरकार ने प्रशासनिक सेवाओं के जरिए चुने गए अधिकारियों के अलावा राज्य में मंत्रियों के निजी सचिवों के रूप में कार्यरत कर्मचारियों को सलाह दी है कि वे संबंधित विभागों के कामकाज में दखलंदाजी नहीं करें। बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुब्हानी ने सभी विभागों के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि ऐसे निजी सचिव विभाग के अधिकारियों के साथ लिखित या मौखिक संवाद करने से बचें और ‘गैर-सरकारी' कार्यों तक ही सीमित रखें।
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उन्होंने पत्र में लिखा है कि निजी सचिवों (प्रशासनिक सेवा) और निजी सचिवों (निजी) के कार्यों से जुड़े स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं होने के कारण रोजाना के कामकाज में उनकी भूमिका तय करना मुश्किल हो रहा है, इसलिए विचार-विमर्श के बाद तय किया कि निजी सचिव (प्रशासनिक सेवा) मंत्री के निर्देश पर संबंधित मंत्री और विभाग की ओर से सभी अंतर-विभागीय संवाद करेंगे, क्योंकि निजी सचिव (प्रशासनिक सेवा) सरकारी अधिकार हैं।
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निजी सचिव (निजी) को लेकर उन्होंने लिखा कि चूंकि वह एक निजी कर्मचारी है, वह मंत्री के दौरों और बाहर होने वाले राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए जिम्मेदार होंगे। उन्हें स्वयं को मंत्री के ‘‘गैर-सरकारी'' कार्यों तक ही सीमित रखना चाहिए।