केंद्र सरकार ने 18 सितंबर को बुलाई संसद, इन चार बिलों पर होगी चर्चा
केंद्र सरकार ने 18 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया है। केंद्र सरकार ने इस सत्र को बुलाए जाने की वजहें स्पष्ट कर बताया कि वह देश की आजादी के बाद संविधान सभा के गठन से लेकर 75 सालों तक की देश की यात्रा, उसकी उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा करेगी।
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इसके अलावा चार ऐसे बिल हैं, जिन्हें सरकार लोकसभा में पारित कराना चाहती है। सरकार एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023, प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 को पेश करेगी। ये दो बिल राज्यसभा से पास कराए जा चुके हैं। इन बिलों के अलावा सरकार डाकघर विधेयक 2023 और मुख्य निर्वाचन आयुक्त बिल, सेवा शर्त विधेयक 2023 को राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश करेगी।
आइए जानते क्या हैं ये बिल
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एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023
इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने मानसून सत्र में राज्यसभा में पेश किया था, जहां इस पर चर्चा की जानी थी। इस बिल में अपनी उपयोगिता खो चुके सभी अप्रचलित कानूनों को हटाने का प्रावधान है और साथ ही आजादी के पहले के अधिनियमों को निरस्त करने के लिए यह बिल केंद्र सरकार लोकसभा में पेश करेगी। इस बिल में लीगल प्रैक्टिशनर्स एक्ट, 1879 को निरस्त करने और अधिवक्ता अधिनियम, 1961 को संशोधित करने से जुड़ा फैसला है। इस विधेयक के मुताबिक, प्रत्येक उच्च न्यायालय‚ जिला न्यायाधीश‚ सत्र न्यायाधीश‚ जिला मजिस्ट्रेट और राजस्व अधिकारी (जिला कलेक्टर के पद से नीचे नहीं) दलालों की सूची बना और प्रकाशित कर सकते हैं।
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प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक, 2023
इस बिल के पास होने से लोगों को कई सहूलियतें मिल सकती है। इस बिल के लागू होने के बाद डिजिटल मीडिया भी रेग्युलेशन के दायरे में आ जाएगा। इस बिल का उद्देश्य पारदर्शिता शुरू करना है। इससे समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए पंजीकरण प्रक्रिया आसान हो जाएगी। साथ ही प्रेस का संचालन नहीं करने के लिए कई दंडात्मत प्रावधानों को भी हटा दिया जाएगा।
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डाकघर विधेयक, 2023
डाकघर विधेयक साल 1898 में बने पुराने अधिनियम की जगह लेगा। यह विधेयक डाकघर को पत्र भेजने के साथ-साथ पत्र प्राप्त करने, एकत्र करने, भेजने और वितरित करने जैसी आकस्मिक सेवाओं के विशेषाधिकार को खत्म कर देगा। इसके जरिए पोस्ट के जरिए भेजे जाने वाले शिपमेंट को रोकने की अनुमति मिलेगी। किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षा और शांति के लिहाज से पोस्ट ऑफिस के कुछ शीर्ष अधिकारियों को किसी शिपमेंट को ओपन करने, रोकने, नष्ट करने का अधिकार होगा।
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मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (सेवा शर्त) विधेयक, 2023
केंद्र सरकार चुनाव आयुक्त से जुड़ा बिल पेश करेगी, इसके तहत मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों (EC) की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा। सरकार ने इस विधेयक को लेकर कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 324 में कोई संसदीय कानून नहीं था, इसलिए सरकार अब इस परेशानी को खत्म करने के लिए विधेयक का निर्माण कर रही है। इस बिल को लेकर विवाद की स्थिति हो सकती है, क्योंकि इसमें चुनाव आयुक्त निष्पक्ष नहीं रह जाता है। विपक्ष का कहना है कि इससे चुनावों में पारदर्शिता नहीं रह जाएगी।