Piyush Goyal ने कहा, China के साथ व्यापार बढ़ने के साथ घाटा भी बढ़ जाता है
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चीन के नेतृत्व वाले क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी भारत के हिस्सा न बनने का कारण यह रहा कि इससे व्यापारिक घाटा बढ़ जाता है। अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष (सरप्लस) का जिक्र कर कहा कि भारत का दिल अमेरिका से जुड़ा हुआ है।
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पीयूष गोयल ने यह 'बी20 शिखर सम्मेलन' में व्यापार मंत्रियों के साथ चर्चा सत्र में कहा। इस दौरान चीन के व्यापार उप मंत्री वांग शोउवेन और अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन तेई भी उपस्थित थीं। इस सत्र में उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शोउवेन से पूछा कि क्या चीन को भारत के आरसीईपी का हिस्सा न बनने का अफसोस है। इस पर चीन के मंत्री ने कहा कि अगर भारत इस समझौते का हिस्सा बनता तो दोनों देशों के बीच व्यापार संभावनाएं बढ़ जाती, इससे दोनों देशों को फायदा होता।
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चीन के मंत्री ने आगे कहा कि यह फैसला आपको करना है कि आप आरसीईपी का हिस्सा बनेंगे या नहीं, लेकिन भारत के लिए आरसीईपी के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे। इस पर गोयल ने कहा कि हम पहले से ही चीन के साथ 130 अरब डॉलर का व्यापार चीन के पक्ष में झुके होने को लेकर चिंतित हैं। आरसीईपी का हिस्सा बनने की स्थिति में व्यापार बढ़ने के साथ घाटा भी बढ़ जाता।