दलितों के घरों पर Bulldozer चलने पर Digvijaya Singh बैठे धरने पर
मध्य प्रदेश में सागर में दलितों के घरों पर बुलडोजर चलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) धरने पर बैठ गए। इस मामले में वन विभाग की दलील है कि वन भूमि पर अवैध कब्जा है, जिसे कानून के तहत हटाया जा रहा है। जबकि दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) का आरोप है कि रैपुरा गांव में पुलिस संरक्षण में गरीबों के प्रधानमंत्री आवास योजना में बनाए गए मकान तोड़े गए।
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इस बारे में राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत (Govind Rajput) ने कहा कि सरकार ने मकान गिराने का आदेश देने वाले रेंजर को निलंबित कर दिया है और सभी लोगों को पट्टे देकर मकान सरकार बनाएगी। इस बारे में गांव वाले कहते हैं कि वो 50 साल से यहां रह रहे थे, अब घर तोड़ दिया गया। नोटिस दिए बिना ही वन विभाग ने कह दिया ये अतिक्रमण है। लगभग 10 मकानों को तोड़ा गया, इनमें से 6 प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने थे। इस मामले में लोगों का आरोप है उन्हें सामान निकालने तक का समय नहीं दिया गया।
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इस मामले में गांव के सरपंच संतोष ने कहा कि अगर वन विभाग की जगह थी, तो मकान बनने पर पहले ही रोक लगा देना था। पीड़ित रवि यादव ने कहा कि हमारी कोई सुनवाई नहीं है मैं क्या करूं, हमने कहा 10 मिनट रुक जाओ सामान निकाल लेंगे, लेकिन उन्होंने बुलडोजर चला दिया।
घर टूटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) रैपुरा गांव पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि ये बताया गया यहां पत्थर की खदान है लेकिन घर तोड़ने से पहले नोटिस किसी को नहीं दिया गया।